पाक गोलाबारी से सीमांत क्षेत्रों में दहशत
जागरण संवाददाता राजौरी पाक सेना पिछले साढ़े तीन माह से सीमांत क्षेत्रों में सीमा पार से
जागरण संवाददाता, राजौरी : पाक सेना पिछले साढ़े तीन माह से सीमांत क्षेत्रों में सीमा पार से गोलाबारी कर रही है। इससे सीमांत क्षेत्रों में रहने वाले लोगों में दहशत का माहौल है। लोग बंकर बनाने की मांग कर रहे हैं, लेकिन अभी तक बंकर बनाने का कार्य कई क्षेत्रों में शुरू ही नहीं हो पाया है। इससे गोलाबारी के दौरान लोगों को सुरक्षित जगह पर शरण लेने के लिए अपने घरों तक को छोड़ना पड़ रहा है।
अधिकतर सीमांत क्षेत्रों में रहने वाले लोग उपराज्यपाल से मांग कर रहे हैं कि जल्द से जल्द सीमांत क्षेत्रों में बंकरों का निर्माण करवाया जाए, ताकि पाक सेना द्वारा की जा रही गोलाबारी के दौरान हम लोग सुरक्षित रह सकें। पाक सेना पुंछ व राजौरी दोनों जिलों के सीमांत गांवों को निशाना बनाकर गोलाबारी कर रही है। इस गोलाबारी में अभी तक कई लोगों की जानें भी जा चुकी हैं और कई लोग घायल भी हो चुके हैं। कई मकान व स्कूल भी क्षतिग्रस्त हो चुके हैं। पाक सेना सीमा से सटे गांवों को निशाना बनाकर मोर्टार दागना शुरू कर देती है, जिससे लोगों का काफी नुकसान हो रहा है और लोगों में काफी दहशत बनी रहता है। इन क्षेत्रों में बंकर बनाने की हो रही मांग
सीमांत क्षेत्र केरी, नक्का, पंजग्राई, बालाकोट, बसूनी, धराटी, गोल्द, किरसी, कस्बा, शाहपुर, साब्जियां आदि कई सेक्टरों में सीमा के करीब रहने वाले लोग समय-समय पर राज्य एवं केंद्र सरकार से बंकर बनाने की मांग कर रहे हैं, लेकिन इन सेक्टरों में अभी तक बंकर नहीं बन पाए हैं। जबकि केंद्र सरकार ने बंकरों की मंजूरी दे रखी है। बंकर न बनने के कारण पाक सेना की गोलाबारी में लोग अपनी जान गंवा देते हैं और कई लोग घायल भी हो जाते हैं। इसके बावजूद बंकर नहीं बनाए जा रहे हैं। मुहम्मद हनीफ, अब्दुल रज्जाक आदि का कहना है कि हमारे गांवों में भी व्यक्तिगत व सामुदायिक बंकर बन जाएं तो पाक सेना की गोलाबारी के दौरान हम लोग अपनी जान बचा सकते हैं। हर रोज हो रही गोलाबारी
पाक सेना पांच अगस्त के बाद लगातार गोलाबारी कर रही है। इससे हर रोज लोगों को दहशत में व मौत के साए में ही जीना पड़ता है कि कब पाक सेना द्वारा दागा गया गोला घरों के ऊपर आकर गिरे और उसमें मौत हो जाए। अधिकतर सीमांत क्षेत्रों का यही हाल है। बंकर बनाने का कार्य चल रहा है। जल्द बंकरों के कार्य को पूरा कर लिया जाएगा। हर सीमांत गांव में व्यक्तिगत एवं सामुदायिक बंकर होंगे। गोलाबारी के दौरान लोग इन बंकरों में शरण लेकर अपनी जान को बचाएंगे।
- राहुल यादव, जिला आयुक्त, पुंछ