सेना भर्ती की लिखित परीक्षा न होने पर युवाओं ने जाम की सड़क
संवाद सहयोगी पुंछ सेना भर्ती की लिखित परीक्षा एक साल बीत जाने के बाद भी नहीं होने पर युवा
संवाद सहयोगी, पुंछ : सेना भर्ती की लिखित परीक्षा एक साल बीत जाने के बाद भी नहीं होने पर युवाओं ने सुंदरबनी में सोमवार को प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारी युवाओं ने जम्मू-पुंछ नेशनल हाईवे बंद कर केंद्र सरकार से जल्द लिखित परीक्षा कराने की मांग उठाई है।
युवाओं में सुमित शर्मा, अभी शर्मा, गौरव कुमार, मुकेश शर्मा, सचिन शर्मा आदि ने प्रदर्शन करते हुए कहा कि एक साल पहले शारीरिक व मेडिकल परीक्षण प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। लिखित परीक्षा पेपर की तिथि घोषित होने के बाद बार-बार उसे स्थगित किया जा रहा है। कोविड-19 का बहाना बनाकर युवाओं को बेरोजगार रहने के लिए मजबूर किया जा रहा है।
इन युवाओं ने आरोप लगाते हुए कहा कि हर क्षेत्र में परीक्षाएं हो रही हैं। सर्विस सिलेक्शन बोर्ड ने हाल ही में लाखों युवाओं का पेपर लिया है। वहीं, एनडीए में भी देश के अलग-अलग प्रदेशों में लाखों युवाओं ने लिखित परीक्षा दी। मात्र सेना भर्ती में शारीरिक व मेडिकल परीक्षण में फिट हुए युवाओं को नजरअंदाज किया जा रहा है। इन युवाओं की लिखित परीक्षा नहीं ली जा रही है।
युवा मनु सिंह ने बताया कि फरवरी-मार्च 2021 में सेना भर्ती के लिए पहले शारीरिक और फिर बाद में मेडिकल परीक्षण हुआ, लेकिन तबसे अब तक लिखित परीक्षा नहीं हो पाई है। लिखित परीक्षा की तीन बार तिथि घोषित हुई है, लेकिन हर बार परीक्षा से एक या दो दिन पहले उसे रद कर दिया जाता है। इन युवाओं ने आरोप लगाते हुए कहा है कि हमारी जिंदगी के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। बार-बार लिखित परीक्षा रद होने से युवाओं की तैयारी भी प्रभावित हो रही है। सैकड़ों युवाओं ने सुंदरबनी नेशनल हाईवे चौक पर प्रदर्शन करते हुए सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि अन्य परीक्षाओं में लाखों युवा लिखित परीक्षा दे सकते हैं। राजनीतिक रैलियों में लाखों की भीड़ इकट्ठी हो सकती है, लेकिन सेना भर्ती में चयनित हुए युवाओं की लिखित परीक्षा कोविड 19 का बहाना बनाकर टाल दी जा रही है।
प्रदर्शन कर रहे युवाओं की बात एडीसी सुंदरबनी विनोद कुमार ने सुनी और उन्होंने आश्वासन देते हुए कहा कि आपकी लिखित परीक्षा की मांग को उच्च अधिकारियों के संज्ञान में लाया जाएगा। उसके बाद प्रदर्शनकारी युवा सड़क से हटे। बेरोजगारी, पढ़ाई व दवा पर सरकार फेल, चुनावों में होगा हिसाब : अरुण शर्मा
अनुच्छेद 370 की समाप्ति के बाद जम्मू कश्मीर के हालात में कोई बदलाव नहीं आया है। बेरोजगार युवा आज सड़कों पर रोजगार की तलाश में प्रदर्शन कर रहे हैं। हर क्षेत्र में बेरोजगार युवाओं को गुमराह किया जा रहा है। यह बातें सेना भर्ती की लिखित परीक्षा न होने पर प्रदर्शन कर रहे युवाओं को संबोधित करते हुए जम्मू कश्मीर पंचायत काफ्रेंस के प्रधान एवं बीडीसी चेयरमैन अरुण शर्मा ने कही।
उन्होंने कहा कि सरकारी तंत्र की नाकामियों का खामियाजा आज युवा वर्ग को भुगतना पड़ रहा है। हर क्षेत्र में युवा रोजगार की तलाश में सड़कों पर भटक रहे हैं। उन्होंने कहा कि लाखों की भीड़ इकट्ठी कर राजनीतिक रैलियां की जा रही हैं और सेना भर्ती में लिखित परीक्षा की मांग कर रहे युवाओं की मांग को नजरअंदाज कर हर बार लिखित परीक्षा को रद किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आने वाले चुनावों में पढ़ाई, कमाई, दवा, बेरोजगारी व भ्रष्टाचार पर युवा और आवाम इसका पूरा हिसाब लेगी। उन्होंने कहा कि हर क्षेत्र में हजारों पद रिक्त पड़े हुए हैं। शिक्षित बेरोजगार युवाओं की गुहार पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि युवा देश की रीड की हड्डी हैं। जम्मू कश्मीर पंचायत कांफ्रेंस इन बेरोजगार युवाओं के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है। उन्होंने केंद्र सरकार और उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से मांग करते हुए कहा कि जल्द से जल्द सेना भर्ती की परीक्षा करवाई जाए, जिससे युवाओं की लिखित परीक्षा की गई तैयारी प्रभावित न हो। इस मौके पर सरपंच यशपाल, सरपंच मोहन सिंह भी युवाओं के समर्थन में सड़कों पर उतरे।