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प्रसव के बाद अच्छे इलाज के इंतजार में महिला ने अस्पताल में ही तोड़ दिया दम

प्रसव के बाद एक महिला ने पुंछ के जिला अस्पताल से एंबुलेंस चलने के इंतजार में ही दम तोड़ दिया। उसे राजकीय मेडिकल कॉलेज राजौरी में रेफर किया जाना था। मौके पर एंबुलेंस का चालक नहीं था।

By JagranEdited By: Published: Tue, 04 Aug 2020 08:18 AM (IST)Updated: Tue, 04 Aug 2020 08:18 AM (IST)
प्रसव के बाद अच्छे इलाज के इंतजार में महिला ने अस्पताल में ही तोड़ दिया दम
प्रसव के बाद अच्छे इलाज के इंतजार में महिला ने अस्पताल में ही तोड़ दिया दम

संवाद सहयोगी, पुंछ : प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली की अब तो हद हो गई। सोमवार को प्रसव के बाद एक महिला ने पुंछ के जिला अस्पताल से एंबुलेंस चलने के इंतजार में ही दम तोड़ दिया। उसे राजकीय मेडिकल कॉलेज राजौरी में रेफर किया जाना था। मौके पर एंबुलेंस का चालक नहीं था। गत तीन दिन में गर्भवती महिलाओं के इलाज में ऐसी लापरवाही का यह दूसरा मामला है। शनिवार को राजौरी की कोरोना पीड़ित गर्भवती महिला को इलाज के लिए राजौरी से जम्मू तक भटकना पड़ा था।

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पुंछ जिले के सुरनकोट से सोमवार को 40 वर्षीय महिला को जिला अस्पताल में लाया गया था। महिला रोग विशेषज्ञ ने उसे भर्ती कर दिया। यहां उसने बेटी को जन्म दिया। इस दौरान उसकी हालत बेहद गंभीर हो गई। इसके बाद महिला के परिजनों को बताया गया कि उसे बेहतर इलाज के लिए राजकीय मेडिकल कॉलेज राजौरी रेफर किया जा रहा है। राजौरी ले जाने के लिए तैयारियां की गई, लेकिन पता चला कि मौके पर एंबुलेंस चालक ही नहीं था। चालक का इंतजार करते-करते महिला की अस्पताल में ही मौत हो गई।

एक दिन पहले ही राजौरी जिले के लाम की कोरोना संक्रमित महिला को प्रसव से पहले और बच्चे को जन्म देने के बाद इलाज के लिए 13 घंटे एंबुलेंस में कराहना पड़ा था। वह तीन अस्पतालों के चक्कर काटती रही थी। फिलहाल, वह महिला जम्मू के गांधीनगर कोविड अस्पताल में भर्ती है। अब पुंछ के इस नए मामले ने झकझोर कर रख दिया है। एक घंटे कराहती रही दर्द से

बेहतर इलाज के लिए राजौरी में बड़े अस्पताल में जाने के लिए प्रसव के बाद महिला एक घंटे तक दर्द से कराहती रही। इसके बाद उसकी मौत हो गई। हाथ पर हाथ धरे बैठा रहा अस्पताल प्रशासन

महिला को तड़पते देखकर भी अस्पताल प्रशासन हाथ पर हाथ धरे बैठा देखता रहा। परिजनों ने आरोप लगाया कि वे एक घंटे तक भटकते रहे, लेकिन एंबुलेंस का चालक नहीं मिला। महिला की मौत के बाद गुस्साए परिजनों ने अस्पताल प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन किया। उन्होंने कहा कि अस्पताल प्रशासन को दूसरे चालक का इंतजाम करना चाहिए था। उन्होंने दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। प्रदर्शन की सूचना मिलते ही एसएचओ पुंछ मौके पर पहुंचे। उन्होंने आरोपितों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई का भरोसा दिया। अस्पताल ने परिजनों पर ही फोड़ा ठीकरा

अस्पताल के अधिकारी ने महिला की मौत के मामले में उसके परिजनों पर ही ठीकरा फोड़ दिया। जिला अस्पताल पुंछ की अधीक्षक डॉ. शमीम भट्टी ने कहा कि हमारी एंबुलेंस बाहर गई थी। मौके पर छोटी एंबुलेंस मौजूद थी, लेकिन परिजन महिला को उस एंबुलेंस में नहीं ले गए।


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