गरीबों और असहाय की मदद करना पुण्य का कार्य
संवाद सहयोगी पुंछ गरीबों व असहायों की मदद करने से बड़ा कोई पुण्य कार्य नहीं है। हर
संवाद सहयोगी, पुंछ : गरीबों व असहायों की मदद करने से बड़ा कोई पुण्य कार्य नहीं है। हर सामर्थ्यवान व्यक्ति को गरीबी और असहायों की मदद के लिए आगे आना चाहिए। यह बातें सुंदरबनी के सीमावर्ती क्षेत्र में एक गरीब परिवार की मदद के दौरान रविवार को इंसानियत संस्था के प्रधान नैनो बंगवाल ने कहीं।
उन्होंने कहा कि संस्था कोविड-19 महामारी में भी लोगों की सेवा के लिए हर संभव मदद करने की कोशिश कर रही है। अपनी मुहिम को जारी रखते हुए रविवार को इंसानियत संस्था ने सुंदरबनी के सीमावर्ती क्षेत्र की तहसील वेरीपत्तन के सीमावर्ती क्षेत्र में रहने वाले एक गरीब परिवार की लड़की की शादी के लिए राशन दिया। बंगवाल ने बताया कि आज तक इंसानियत संस्था सुंदरबनी क्षेत्र में 111 से अधिक गरीब लड़कियों की शादियों में सहयोग कर चुकी है। संस्था के चेयरमैन ने बताया की रविवार को टीम के सदस्यों के साथ परिवार के घर में जाकर परिवार को राशन सहित शादी के लिए अन्य जरूरतमंद चीजें दी गई।
नैनो ने बताया कि परिवार की आर्थिक स्थिति को देखते हुए इंसानियत संस्था ने उनकी मदद की है। उन्होंने कहा कि इंसानियत संस्था सिर्फगरीबों के लिए बनी हुई है। संसार में जन्म लिए हुए हर व्यक्ति को जितना हो सके गरीब की मदद करनी चाहिए। गरीबी अभिशाप नहीं है। गरीब लोगों के मन में भी वही है जो हम सबके मन में है। ऐसे लोगों की सहायता करने से उन्हें भी खुशी मिलती है। इस संसार में गरीबों की मदद करने से बढ़कर कोई भी पुण्य कार्य नहीं है।
उन्होंने समाजसेवी लोगों से अपील करते हुए कहा कि आपके क्षेत्र में अगर किसी भी गरीब परिवार को लड़की की शादी या किसी भी परेशानी में किसी भी चीज की जरूरत हो तो उन लोगों का संपर्क संस्था के साथ करवाएं। संस्था उन लोगों की दिल खोलकर मदद करेगी। इस मौके पर काफी संख्या में संस्था के अन्य सदस्य भी मौजूद रहे।