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Ceasefire: जम्मू-कश्मीर के पुंछ में पाक ने किया संघर्ष विराम का उल्लंघन, भारतीय सेना ने दिया मुंहतोड़ जवाब

ceasefire in Shahpur of Poonch. पाकिस्तान ने रविवार को जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले के शाहपुर में संघर्ष विराम का उल्लंघन किया।

By Sachin MishraEdited By: Published: Sun, 17 Nov 2019 11:39 AM (IST)Updated: Sun, 17 Nov 2019 01:10 PM (IST)
Ceasefire: जम्मू-कश्मीर के पुंछ में पाक ने किया संघर्ष विराम का उल्लंघन, भारतीय सेना ने दिया मुंहतोड़ जवाब

पुंछ, एएनआइ। पाकिस्तान ने रविवार को जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले के शाहपुर में रविवार सुबह 10:15 बजे संघर्ष विराम का उल्लंघन किया। इधर, भारतीय सेना भी जवाबी कार्रवाई कर रही है।  

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रक्षा प्रवक्ता ने कहा कि पाकिस्तान की ओर से दागे गए मोर्टार के गोले ने जिले के कर्नी और कस्बा क्षेत्रों को भी प्रभावित किया। गोलाबारी में किसी के हताहत होने की कोई रिपोर्ट नहीं थी। लोगों को सुरक्षित स्थानों में शरण लेने के लिए प्रेरित किया गया है। दोनों ओर से सीमा पार से गोलीबारी जारी है। अभी तक जानमाल के नुकसान की खबर नहीं है।

गौरतलब है कि इससे पहले अंतरराष्ट्रीय सीमा (आइबी) पर शांति रहने के बाद पाकिस्तान ने फिर जम्मू संभाग के कठुआ जिले के हीरानगर सेक्टर के मन्यारी पानसर में गोलाबारी की थी। गत बुधवार देर शाम से शुरू गोलाबारी मध्य रात्रि तक जारी रही। इससे भारतीय क्षेत्र में जानी नुकसान तो नहीं हुआ। सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) जवानों ने भी मुंह तोड़ जवाब दिया। इस दौरान भी जानमाल का कोई नुकसान नहीं हुआ था।

दरअसल, पाकिस्तान आइबी से आतंकियों की घुसपैठ कराने के लिए बार-बार गोलाबारी की आड़ में प्रयास कर रहा है। जम्मू-कश्मीर में मौसम खराब रहने के कारण कुछ दिन आइबी पर शांति रही, लेकिन अब रात को दोबारा सीमा पार से गोलाबारी शुरू हो गई। पाक रेंजर्स डेढ़ माह से हीरानगर सेक्टर के कई सीमांत गांवों में गोलाबारी कर रहे हैं। जानी नुकसान तो नहीं हुआ, लेकिन लोगों के आशियानों को नुकसान पहुंच रहा है। लोग रात को बंकरों में डेरा डाल लेते हैं।

सीमांत क्षेत्रों में दहशत का माहौल

पाक की ओर से जारी गोलाबारी के कारण किसान दहशत में हैं। पंच सुरेंद्र कुमार, क्षेत्रवासी प्रमोद कुमार, राम सिंह का कहना है कि एक तो मौसम खराब रहने से किसान अभी तक गेहूं की बिजाई शुरू नहीं कर पाए हैं। बारिश पड़ने से जमीन गीली है। धान की कटाई का काम भी लटका हुआ है। किसानों को फसल समेटने की चिंता लगी हुई है। वर्ष 2014 से होती आ रही गोलाबारी से खेतीबाड़ी प्रभावित हो रही है। सरकार ने पक्के बंकर तो बना दिए हैं, लेकिन यह समस्या का हल नहीं है। लोगों को रोजगार भी उपलब्ध करवाने चाहिए।


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