अपर कांगड़ी के जंगलों में लगी आग हुई बेकाबू, वन विभाग बेबस
संवाद सहयोगी पुंछ सुंदरबनी के सीमावर्ती क्षेत्र अपर कांगड़ी के घने जंगलों में लगी आग वन विभ
संवाद सहयोगी, पुंछ : सुंदरबनी के सीमावर्ती क्षेत्र अपर कांगड़ी के घने जंगलों में लगी आग वन विभाग की तमाम कोशिशों और प्रयासों के बाद शनिवार देर शाम बेकाबू हो गई। शनिवार को दोपहर बाद दो बजे के आसपास अपर कांगड़ी के मडयाल के जंगलों से शुरू हुई भीषण आग में करोड़ों की वन संपदा जलकर राख हो चुकी है। रविवार को दर्जनों वन विभाग के कर्मचारियों सहित स्थानीय लोगों व इंसानियत संस्था के कार्यकर्ताओं ने आग पर काबू पाने का पूरा प्रयास किया, लेकिन अभी तक काबू नहीं पाया जा सका।
स्थानीय लोगों ने बताया कि दिनभर दर्जनों वन विभाग के कर्मचारियों की तमाम कोशिशों और प्रयासों के बाद वन विभाग की टीम ने रेंज अधिकारी राकेश वर्मा की अध्यक्षता में शनिवार देर शाम आग पर काबू पा लिया था, लेकिन देर रात एकाएक आग की भयंकर लपटों ने एक बार फिर सुंदरबनी के अपर कांगड़ी के आसपास के जंगलों को धूं-धूं कर जलाना शुरू कर दिया। ऐसे में वन विभाग की दिनभर की कड़ी मशक्कत और मेहनत व तमाम प्रयासों पर आग ने पानी फेर दिया। आग का विकराल रूप देख जंगलों के आसपास के गांवों में हड़कंप मच गया है। आग से लाखों रुपये की पौधारोपण योजना राख में तब्दील हो गई है। वन विभाग के आग पर काबू पाने के तमाम प्रयास विफल हो चुके हैं। अभी तक आग पर काबू नहीं पाया जा सका है। वन विभाग के कर्मचारियों के साथ आग पर काबू पाने में लगे इंसानियत संस्था के सदस्य नैनो बगवाल ने बताया कि जंगलों में लगी आग से जानमाल के साथ-साथ पर्यावरण को भारी नुकसान होता है। पेड़-पौधों के साथ-साथ जीव-जंतुओं की विभिन्न प्रजातियां जलकर राख हो जाती हैं।
स्थानीय लोगों ने बताया कि वन विभाग की लापरवाही का खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ रहा है। हर साल करोड़ों की वन संपदा जलकर राख हो जाती है, लेकिन वन विभाग द्वारा जंगलों को बचाने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया जाता। तहसील स्तर के अधिकारी आज भी पेड़ों की टहनियां तोड़कर आग पर काबू पाने का पूरा प्रयास करते हैं, लेकिन आग पर काबू पाने के लिए वन विभाग आज तक अपने कर्मचारियों को कोई उपकरण नहीं दे सका। लोगों का कहना है कि जंगलों में आग लगने का मुख्य कारण लोगों द्वारा अपने खेतों में आग लगाई जाती है। वही आग धीरे-धीरे जंगलों की तरफ पहुंच जाती है, जिससे वह विकराल रूप धारण कर लेती है। लोगों ने मांग करते हुए कहा है कि जिला प्रशासन जंगलों के आसपास रहने वाले लोगों पर कड़ी निगरानी रखे। अगर कोई भी व्यक्ति जंगलों में आग लगाते हुए पकड़ा जाता है तो उसके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए, तभी जाकर जंगलों को बचाया जा सकता है।