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खरपतवार प्रबंधन को लेकर किसानों को किया जागरूक

संवाद सहयोगी पुंछ शेर-ए-कश्मीर यूनिवर्सिटी आफ एग्रीकल्चरल साइंसेज एंड टेक्नोलाजी सुकास्ट

By JagranEdited By: Published: Sun, 05 Sep 2021 06:14 AM (IST)Updated: Sun, 05 Sep 2021 06:14 AM (IST)
खरपतवार प्रबंधन को लेकर किसानों को किया जागरूक
खरपतवार प्रबंधन को लेकर किसानों को किया जागरूक

संवाद सहयोगी, पुंछ : शेर-ए-कश्मीर यूनिवर्सिटी आफ एग्रीकल्चरल साइंसेज एंड टेक्नोलाजी सुकास्ट के दिशानिर्देश पर कृषि विज्ञान केंद्र के प्रमुख डा. अजय गुप्ता के नेतृत्व में जिलेभर में पार्थेनियम खरपतवार प्रबंधन पर विभिन्न गांवों में कार्यक्रम आयोजित कर किसानों को पार्थेनियम से हो रहे नुकसान के बारे में जागरूक किया जा रहा है। पिछले एक सप्ताह के दौरान कृषि विज्ञान केंद्र पुंछ ने ग्राम पंचायत बेला चौहान, खानेतर कलसा, चकरू, दर्रा दुलियान में किसानों को पार्थेनियम नामक बूटी के बारे में जागरूक करते हुए जानकारी दी कि किस प्रकार यह बूटी फसलों को नुकसान पहुंचा रही है। इस बूटी के कारण खेत बंजर हो रहे हैं।

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शनिवार को इन्हीं कार्यक्रमों के तहत सीमावर्ती गांव द्वार में इस घातक खरपतवार के हानिकारक प्रभावों को नियंत्रित करने के उपायों के बारे में जनता को जागरूक करने के लिए एक कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम के दौरान डा. अजय गुप्ता ने फसल उत्पादन, मानव स्वास्थ्य, पशु स्वास्थ्य और पारिस्थितिकी तंत्र पर पार्थेनियम खरपतवार के हानिकारक प्रभावों के बारे में बताया।

उन्होंने पार्थेनियम के खतरे की जांच के लिए खरपतवार नियंत्रण के भौतिक, रासायनिक और जैविक तरीकों और प्रतिस्पर्धी पौधों के उपयोग के बारे में भी बताया। इस अवसर पर कृषि विज्ञान केंद्र के डा. एसएस जम्वाल ने कार्यक्रम के दौरान इस हानिकारक खरपतवार को फैलने से रोकने के लिए स्थानीय लोगों को आवश्यक कदम उठाने को कहा। इस अवसर पर कृषि विभाग के अधिकारी कुलबीर सिंह, जेएईओ देवेंद्र सिंह और कृषि विभाग के तनवीर अहमद ने भी किसानों को जागरूक किया और स्थानीय लोगों को अपने आसपास, पड़ोस और सामुदायिक भूमि के साथ-साथ कृषि क्षेत्रों से इस घातक खरपतवार को खत्म करने की सलाह दी। इस खतरनाक बूटी को फैलने से रोकने के लिए स्थानीय लोगों को शामिल करते हुए इन गांवों में विभिन्न स्थलों पर हाथ के दस्ताने और फेस मास्क का उपयोग करते हुए सभी सावधानी बरतते हुए पार्थेनियम बूटी को खत्म करने का अभियान चलाया गया।


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