शिविर लगाकर किसानों को योजनाओं की दी जानकारी
संवाद सहयोगी पुंछ कृषि व बागवानी विभाग की ओर से सुंदरबनी की पतराड़ा पंचायत में शिविर ल
संवाद सहयोगी, पुंछ : कृषि व बागवानी विभाग की ओर से सुंदरबनी की पतराड़ा पंचायत में शिविर लगाकर किसानों को बागवानी व कृषि विभाग से संबंधित सरकारी योजनाओं की विस्तार से जानकारी दी गई। शिविर में सरपंच यशपाल शर्मा मुख्य अतिथि रहे।
शिविर में पहुंचे किसानों को जानकारी देते हुए बागवानी विभाग के तहसील अधिकारी अरुण शर्मा ने बताया कि सरकार द्वारा किसानों की आमदनी को बढ़ाने के लिए कई प्रकार की योजनाएं चलाई जा रही हैं, जिनका किसान सीधा लाभ उठा सकते हैं। उन्होंने बताया कि बागवानी विभाग द्वारा किसानों की आय को बढ़ाने के लिए सुंदरबनी में सब्सिडी पर संतरा, आम, नींबू, मौसमी सहित स्ट्राबेरी के पेड़ उन्हें वितरित किए गए थे। उन्होंने बताया कि बागवानी विभाग द्वारा विभिन्न पंचायतों में कई तरह के फलदार पौधे लगाने का कार्य पिछले कई साल से किया जा रहा है, जिसका ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले छोटे किसानों को बहुत अधिक लाभ पहुंच रहा है। बागवानी विभाग एक या दो कनाल जमीन पर फलदार पौधे लगाने वाले बागवानों को भी बागवानी करने पर सब्सिडी प्रदान करता है।
उन्होंने आगे बताया कि एक नई योजना के तहत विभाग छोटे किसानों को एक कनाल जमीन पर 25 प्रतिशत सब्सिडी प्रदान कर अपनी आय को बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित कर रहा है। उन्होंने बताया कि इससे पहले चार कनाल जमीन वाले बागवानों को ही सब्सिडी का लाभ मिलता था। उन्होंने बताया कि कुछ महीनों के अंदर गर्मी कम होते ही बरसात का सीजन शुरू होते ही विभिन्न पंचायतों में फलदार पौधे लगाने का कार्य शुरू कर दिया जाएगा। पिछले सीजन में सुंदरबनी के अंदर विभिन्न योजनाओं के तहत बागवानी विभाग द्वारा हजारों फलदार पौधे विभिन्न पंचायतों में लगाए गए हैं। उन्होंने बताया कि 20 कनाल जमीन पर फलदार पौधे लगाने पर बागवानी विभाग द्वारा 60 हजार रुपये की सब्सिडी किसान को दी जाती है। वहीं, दूसरी तरफ अगर कोई बागवान स्ट्राबेरी की खेती करता है तो उसे एक कनाल जमीन पर स्ट्राबेरी लगाने पर 13 हजार रुपये की सब्सिडी विभाग द्वारा दी जाती है।
उन्होंने बताया कि निदेशक बागवानी विभाग जम्मू रामसेवक के दिशानिर्देश पर सुंदरबनी में भी अब बागवानों को विभाग द्वारा चलाई जा रही योजनाओं का पूरा लाभ मिल रहा है। उन्होंने बताया कि एक या दो कनाल वाले छोटे बागवानों को भी पौधे लगाने पर सब्सिडी का पूरा लाभ मिलता है। इससे वे बगीचा लगाकर आय अर्जित कर सकेंगे। उन्होंने बताया कि मौजूदा समय में स्थानीय प्रजातियों के फलदार पौधों के फल ही बाजारों में पहुंच रहे हैं, मगर ये फल प्रदेशभर में लोगों की जरूरत को पूरा नहीं कर पाते। ऐसे में अब नई प्रजातियों के फल के पौधे लगाने से पैदावार डबल हो जाएगी, साथ ही बागवानों की आय में भी इजाफा होगा। उन्होंने बताया कि कुछ ही महीनों बाद संतरा, मौसमी, किन्नू, गर्गल नींबू आदि के पौधे लगाने का कार्य शुरू कर दिया जाएगा।
शिविर में कृषि अधिकारी दविदर जंडियाल ने किसानों को कृषि संबंधी जानकारियां देते हुए सब्जियों के बीज वितरित किए। कार्यक्रम में स्थानीय सरपंच यशपाल ने कहा कि वर्तमान समय में उत्पादकता बढ़ाने के लिए किसानों द्वारा रासायनिक खाद का इस्तेमाल अधिक किया जा रहा है, जिससे उत्पन्न अनाज, सब्जियों को खाकर लोग बीमार पड़ जाते हैं। इस समस्या को देखते हुए केंद्र सरकार द्वारा जैविक खेती योजना को बढ़ावा देने का हर संभव प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जैविक खेती के अंतर्गत परंपरागत कृषि विकास योजना की शुरुआत की गई, जिसके तहत किसानों को बताया गया कि प्राकृतिक रूप से किस प्रकार कृषि की जाए और अनाज, साग-सब्जी का उत्पादन किया जाए। यहां तक कि जैविक खेती करने वाले किसानों को सरकार की तरफ से पुरस्कृत भी किया जाता है।