पुंछ जिला अस्पताल में भर्ती कोरोना संक्रमित की मौत
संवाद सहयोगी पुंछ पुंछ जिले में कोरोना संक्रमित एक व्यक्ति की मौत हो गई। एक अन्य व्यक्ति की ह
संवाद सहयोगी, पुंछ : पुंछ जिले में कोरोना संक्रमित एक व्यक्ति की मौत हो गई। एक अन्य व्यक्ति की हालत गंभीर देखते हुए श्रीनगर के सोरा अस्पताल में रेफर कर दिया गया है। पुंछ जिला अस्पताल में कोरोना संक्रमण से पहली मृत्यु का मामला सामने आया है।
डाक्टरों के अनुसार पुंछ जिले के सीमावर्ती गांव साब्जियां से दुर्घटना में घायल एक व्यक्ति को मंडी उप जिला अस्पताल लाया गया था। वह कुछ दिन से न्यूमोनिया से ग्रस्त था। उप जिला अस्पताल मंडी में टेस्ट के दौरान वह कोरोना पाजिटिव पाया गया। इसके बाद उसे राजा सुखदेव सिंह जिला अस्पताल पुंछ रेफर किया गया। अस्पताल पहुंचते ही उसकी मृत्यु हो गई। मृत्यु के बाद शव को प्रशासनिक अधिकारियों के नेतृत्व में एसओपी के तहत दफनाया गया। प्रशासन द्वारा एसओपी का पालन करने और मास्क पहनने तथा दो गज की दूरी बनाए रखने की अपील लगातार की जा रही हैं। ऊधमपुर में पाए गए कोरोना के 265 पाजिटिव
जागरण संवाददाता, ऊधमपुर : ऊधमपुर जिले में कोरोना का ग्राफ लगातार बढ़ता जा रहा है। हालांकि ज्यादातर मामले सीमा सुरक्षा बल के जवानों के हैं, लेकिन स्थानीय स्तर पर भी 18 मामले पाए गए हैं। सोमवार को ऊधमपुर में कोरोना के 160 मामले पाए गए थे। इसमें से ज्यादातर सीमा सुरक्षा बल के रौंदोमेल स्थित सहायक प्रशिक्षण में प्रशिक्षण के लिए महाराष्ट्र और गुजरात से आए रंगरूट हैं।
यहां आने के बाद इनको क्वारंटीन करने के बाद कोरोना जांच की गई। तकरीबन डेढ़ हजार से ज्यादा जवानों के टेस्ट हुए थे। अब उनकी रिपोर्ट आ रही हैं। सोमवार के बाद मंगलवार को भी ऊधमपुर में 265 कोरोना पाजिटिव मामले पाए गए हैं। मंगलवार को आई रिपोर्ट में 253 सीमा सुरक्षा बल से हैं। जिसमें से तकरीबन 7-8 लोग बीएसएफ के अधिकारी व जवान हैं, जबकि शेष प्रशिक्षण के लिए आए रंगरूट हैं। इसके अलावा स्थानीय मामलों में दो बाहरी राज्यों से लौटने वाले लोग हैं। तीन कोरोना लक्ष्ण वाले, एक रैंडम सैंपलिग में टेस्ट करवाने वाला, पांच कोरोना पॉजिटिव लोगों के संपर्क में आने वाले तथा 10 अन्य हैं। इस बारे में जिला स्वास्थ्य अधिकारी ने कहा कि हालांकि अभी तक ज्यादातर मामले सीमा सुरक्षा बल से हैं, लेकिन स्थानीय स्तर पर भी मामलों में इजाफा हो रहा है। उन्होंने कहा कि कोरोना को लेकर लोगों के मन में जो डर था, वह अब नहीं है। जिसके चलते उनकी लापरवाही बढ़ गई है। प्रशासन की सख्ती के बाद लोग मास्क तो पहनने लगे हैं, मगर शारीरिक दूरी के नियम का तो पालन करते लोग नजर ही नहीं आते हैं। कोरोना की दूसरी लहर पहले से अधिक घातक है। इसलिए लोगों को पहले भी ज्यादा सावधानी बरतने की जरूरत है।