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ईद पर तिरंगे में लिपटा घर पहुंचा औरंगजेब का पार्थिव शरीर

जागरण संवाददाता, राजौरी : कश्मीर में तैनात भारतीय सेना के जवान औरंगजेब ईद पर खुशियां मन

By JagranEdited By: Published: Sun, 17 Jun 2018 12:03 AM (IST)Updated: Sun, 17 Jun 2018 12:03 AM (IST)
ईद पर तिरंगे में लिपटा घर पहुंचा
औरंगजेब का पार्थिव शरीर
ईद पर तिरंगे में लिपटा घर पहुंचा औरंगजेब का पार्थिव शरीर

जागरण संवाददाता, राजौरी : कश्मीर में तैनात भारतीय सेना के जवान औरंगजेब ईद पर खुशियां मनाने घर आ रहे थे, लेकिन तिरंगे में लिपटा उनका पार्थिव शरीर पहुंचा। गुस्साए लोगों ने पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे लगाए। वीरवार को राइफलमैन औरंगजेब घर जाने के लिए अपने शिविर से निकल चुके थे, लेकिन रास्ते में ही आतंकियों ने अगवा कर बेरहमी से हत्या कर दी। शुक्रवार को मौसम खराब होने के कारण पार्थिव शव घर नहीं पहुंच पाया था। ईद पर शहीद जवान का पार्थिव शरीर दोपहर को उसके घर सलानी पहुंचा। ईद की सारी खुशियां गम में बदल गई व सैन्य सम्मान के साथ जवान को सुपुर्द-ए- खाक किया गया। सेना के जवानों, अधिकारियों ने सलामी दी।

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दर्दनाक घटना की सूचना जब शहीद जवान औरंगजेब के परिवार व दोस्तों को मिली तो क्षेत्र में मातम छा गया। आतंकी समीर को ढेर करने वाले मेजर शुक्ला की टीम में यह तेज तर्रार बहादुर जवान शामिल था, जिसने कई बड़े ऑपरेशन को भी अंजाम दिया था। सेना की 44 आरआर का जवान औरंगजेब पुंछ के सबलारी सलानी का रहने वाला था।

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छोड़ दो मुझे

घर वालों ने बताया कि फोन पर 20 मिनट तक उन्होंने हमसे बात की। अपहरण के वक्त 'छोड़ दो मुझे' की आवाज ही सुनाई दी। छुट्टियां बिताने जब भी वह घर आते थे तो गरीब, बेसहारा लोगों की मदद करते थे। वह हसमुख मिजाज के थे। चार बहनें व छह भाई थे और इनमें से एक भाई मोहम्मद कासिम सेना में है।

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मैं अपनी भाई का बदला लूंगा

औरंगजेब के छोटे भाई की उम्र लगभग 15 वर्ष है। भाई की शहादत पर उसे गर्व है। उसका कहना है कि वह भी सेना में भर्ती होगा और अपने भाई की मौत का बदला जरूर लेगा। औरंगजेब का एक अन्य भाई भी सेना में है। इन दिनों वह भी अपने घर आया हुआ है। पिता भी सेना के पूर्व सिपाही है और वह भी बार बार यही कह रहे हैं कि अगर सरकार व सेना मेरे बेटे की मौत का बदला लेती है तो ठीक है नहीं तो मैं खुद हथियार उठाकर अपने बेटे की मौत का बदला लेने के लिए घाटी चला जाउंगा।

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नहीं पहुंचा कोई मंत्री

शहीद के गांव के लोगों में इस बात का भी रोष है कि राज्य में भाजपा व पीडीपी की सरकार है, लेकिन औरंगजेब की शहादत पर राज्य सरकार का कोई भी मंत्री नहीं पहुंचा है। उन्होंने कहा कि ऐसा क्यों है हमारे बेटे ने देश के लिए अपनी प्राणों की आहुति दी है, लेकिन दुख इसका बात का है कि भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष र¨वद्र रैना तो हमारे पास पहुंचे, लेकिन कोई भी मंत्री नहीं आया।

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हवा में तीन राउंड गोलियां

चला साथी से ली अंतिम विदाई

सेना के जवानों ने शहीद औरंगजेब के शव को पहले अपने शस्त्र उलटे करके अंतिम विदाई दी इसके बाद जवानों ने हवा में तीन राउंड गोलियां चलाकर अपने साथी से अंतिम विदाई ली।

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औरंगजेब अमर रहे

सलानी गांव में जैसे ही शहीद औरंगजेब का पार्थिव शरीर पहुंचा तो उसी समय पाकिस्तान मुर्दाबाद व शहीद औरंगजेब अमर रहे के नारे आसमान में गूजने लगे। लोगों में पाकिस्तान व आतंकवाद के खिलाफ काफी गुस्सा देखने को मिल रहा था। उन्हें इस बात का गर्व भी था कि हमारे जांबाज ने देश के लिए शहादत का जाम पीया है।


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