सीमावर्ती किसानों से भूमि छीनने का करेंगे विरोध
दशकों से जिस बंजर भूमि को गोलियों में साये में कड़ी मेहनत से खेती योग्य बनाया अब उसका मालिकाना हक न देकर सरकार किसानों के साथ धोखा कर रही है।
जागरण संवाददाता, कठुआ : दशकों से जिस बंजर भूमि को गोलियों में साये में कड़ी मेहनत से खेती योग्य बनाया, अब उसका मालिकाना हक न देकर सरकार किसानों के साथ धोखा कर रही है। अगर सरकार ने उक्त भूमि का दशकों से खेती करने पर उनके नाम नहीं की, जिसके लिए वो कई सालों से जद्दोजहद कर रहे हैं तो बॉर्डर यूनाइटेड फ्रंट किसानों को उनका हक दिलाने के लिए आंदोलन शुरू कर देगा। फ्रंट के अध्यक्ष घनश्याम शर्मा ने जारी बयान में कहा कि सरकार अब हीरानगर के सीमांत किसानों को मालिकाना हक देने की बजाय उसे अब काला कानून बनाकर छीनने के प्रयास कर रही है। सरकार शायद भूल गई है कि उस भूमि के लिए किसानों ने खून पसीना बहाया है।
पूरी तरह से जंगल होने पर उसमें उगे सरकंडे को हटाकर साफ किया और उसे कृषि योग्य बनाया। इसके चलते उस भूमि पर दशकों से वो खेती करते आ रहे हैं। अब सरकार उसे काला कानून बनाकर छीनने की ताक में है। अगर ऐसा होगा तो फ्रंट जिला भर में कड़ा आंदोलन छेड़ देगा। हालांकि किसान इसका विरोध करना शुरू कर दिए हैं। इसलिए सरकार उनके हक को न छीने और वो भूमि उनके नाम मालिकाना करें।