कॉलेज की रजत जयंती पर विवेकानंद की मूर्ति का अनावरण
ने कॉलेज को सफलतापूर्वक अपने 25 साल पूरे करने पर बधाई देते हुए विद्यार्थी वर्ग को नैतिक मूल्य होने की बात पर बल दिया। उन्होंने कहा कि छात्रों को देश की संस्कृति संस्कार एवं धर्म से जुड़े रहने की जरूरत है। उन्होंने छात्रों के उज्जवल भविष्य की कामना करते हुए उन्हें तनावमुक्त जीवन जीने के लिए प्रेरित किया।
जागरण संवाददाता, कठुआ : युवाओं के प्रेरणास्त्रोत स्वामी विवेकानंद की जयंती और उनकी याद में 25 साल पूर्व लखनपुर में स्थापित किए गए विवेकानंद कॉलेज ऑफ एजुकेशन शिक्षण संस्थान की रजत जयंती मूर्ति का अनावरण कर मनाई गई। इस उपलक्ष्य में कॉलेज में शुक्रवार को मूर्ति अनावरण पर एक भव्य समारोह आयोजित किया गया।
मुख्य अतिथि आरएसएस के राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य डॉ. इंद्रेश कुमार, सम्मानित अतिथि के रूप में कंट्रोलर आफ एग्जिामीनेशन विवि जम्मू प्रो. रजनीकांत, आइएफएस पर्यावरण प्रमाण मूल्यांकन अधिकारी जम्मू-कश्मीर लाल चंद के अलावा डोगरी कवियत्री विजया ठाकुर की उपस्थिति में देश की महान विभूति स्वामी विवेकानंद एवं मां सरस्वती की मूर्ति कॉलेज परिसर में स्थापित की गई। इस उपलक्ष्य में युवाओं को समर्पित सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया।
आरएसएस के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य डॉ. इंद्रेश ने कॉलेज प्रबधन की शिक्षण संस्थान को 25 वर्ष की सफलता के मार्ग पर ले जाने के लिए सराहना की। उन्होंने कहा कि जीवन का मूल उद्देश्य बेहतर जिदगी जीना है। उन्होंने छात्रों को देश की महान विभूतियों के आचरण एवं विचारों से परिचित कराया और कहा कि दुनिया में बहुत सारे देश होंगे, लेकिन माता का दर्जा केवल भारत की भूमि को प्राप्त है। यह हमारे लिए काफी गौरव का विषय है। उन्होंने प्राचीन काल में भारत को सोने की चिड़िया और विश्वगुरु का दर्जा प्राप्त होने पर इसकी प्रशंसा करते हुए कहा कि यह दर्जा भारत को लोगों ने दिया था। इसके लिए भारत ने कहीं मांग या आवेदन नहीं किया था। यह हमारी पुरात्व एवं प्राचीनता का प्रतीक है।
प्रो. रजनीकांत ने कॉलेज को सफलतापूर्वक अपने 25 साल पूरे करने पर बधाई देते हुए विद्यार्थी वर्ग में नैतिक मूल्य होने की बात पर बल दिया। उन्होंने कहा कि छात्रों को देश की संस्कृति, संस्कार, एवं धर्म से जुड़े रहने की जरूरत है। वहीं, इस मौके पर आइएफएस लाल चंद ने पर्यावरण संरक्षण पर बल देते हुए कहा कि भारत की संस्कृति का एक अटूट हिस्सा है पर्यावरण संरक्षण। उन्होंने कहा कि प्रकृति के साथ जुड़ना ही वास्तविक शिक्षा है, लिहाजा सभी को इस धरा को बचाने के लिए प्राकृति के महत्व को समझना होगा।
कार्यक्रम के अंत में सभी सम्मानित अतिथियों को स्मृति चिन्ह एवं शाल देकर सम्मानित किया। वहीं, कॉलेज की प्रधानाचार्य डॉ. अंजु शर्मा ने कहा कि उनका लक्ष्य सदैव कॉलेज को प्रगति के पथ पर अग्रसर रखना है। कार्यक्रम में युवाओं को समर्पित संास्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित हुए, जिसमें जम्मू के डोगरी के कलाकार खजूर सिंह ने अपनी कला के माध्यम से डोगरी नृत्य गीतड़ू पेश कर उपस्थिति को मंत्रमुग्ध कर दिया। इस विशेष मौके पर कॉलेज के चेयरमैन डॉ. सुदर्शन गुप्ता ने संस्थान से जुड़े कर्मियों को बधाई दी कि उनकी मेहनत एवं निष्ठा से कॉलेज ने 25 साल अपनी स्थापना के पूरे किए हैं।