महानपुर में पर्यटन की संभावनाएं अपार मगर है अनदेखी का शिकार
संवाद सहयोगी, महानपुर : क्षेत्र में पर्यटन की अपार संभावनाएं होते हुए भी राज्य सरकार और प्रशासनिक अध
संवाद सहयोगी, महानपुर : क्षेत्र में पर्यटन की अपार संभावनाएं होते हुए भी राज्य सरकार और प्रशासनिक अधिकारियों की अनदेखी का शिकार है महानपुर। न तो राजनीतिक पार्टियां कभी इस क्षेत्र को विकसित करने को लेकर आगे आ पाई हैं और न ही जिला प्रशासन के अधिकारी। प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर महानपुर क्षेत्र के कई मनमोहक पर्यटक स्थल अविकसित होने के कारण पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित नहीं कर पा रहे हैं। हालांकि अब क्षेत्र से सटी रंजीत सागर झील से पर्यटन की और भी संभावनाएं बढ़ गई हैं। ऐसे में अगर सरकार कश्मीर की तरह थोड़ी-सी नजर-ए-इनायत यहां भी कर दे तो महानपुर भी बेहतर पर्यटक स्थल साबित हो सकता है। एक तरफ रंजीत सागर बाध द्वारा बनी हुई झील वहीं दूसरी तरफ हरे-भरे चीड़ के पेड़ों का घना जंगल और खुले मैदान पर्यटकों की राह देख रहे हैं। कस्बे से मात्र छह किलोमीटर की दूरी पर डांबरा गाव में खुला मैदान भी आकर्षण का केन्द्र है। इस मैदान पर क्षेत्र के कई स्कूल व अन्य लोग अपने परिवार सहित पिकनिक के लिए आते हैं, परंतु पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए कोई पहल नहीं हुई। वहीं कस्बे के कुछ ही दूरी पर झील का मनमोहक नजारा भी पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है। इस झील में वाटर स्पोर्टस तथा स्टीमर सेवा शुरू होने पर भी पर्यटन के क्षेत्र में बढ़ावा मिल सकता है। परंतु दुख की बात है कि इस तरफ किसी का ध्यान नहीं गया और पूरा महानपुर क्षेत्र पर्यटन के मामले में अछूता रहा।
सरकार ने क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए बसोहली-बनी अथारिटी बनाई है, परंतु अभी तक इस अथारिटी में कोई भी फंड नहीं आए है। उम्मीद है जल्द ही इस अथारिटी में फंड आ जाएंगे, जिससे इस पूरे क्षेत्र में पर्यटन को विकसित करने का प्रयास किया जाएगा।
संजय गुप्ता, एडीसी, बसोहली
-सरकार अथवा प्रशासन पर्यटन बढ़ाने के लिए कई प्रकार की योजनाएं बना रहे हैं। मगर महानपुर क्षेत्र को पर्यटक स्थल के तौर पर विकसित करने के लिए आज तक कोई भी पहल नहीं हो पाई। पूरा क्षेत्र प्राकृतिक सुंदरता से भरा पड़ा है, जो वर्षो से राज्य सरकार और जिला प्रशासन की नजर-ए-इनायत को तरस रही है।
-रंगील सिंह पूर्व सरपंच महानपुर क्षेत्र में पर्यटन बढ़ने से रोजगार बढ़ने की पूरी संभावना है। कई युवाओं को रोजगार मिल सकता है। कई छोटे दुकानदार सड़क मार्ग के किनारे पर छोटी-छोटी दुकाने खोलकर बैठे हैं जो काफी मुश्किल से अपना गुजारा कर पाते हैं। सरकार इस क्षेत्र में पर्यटन के लिए कोई पहल करती है तो उन दुकानदारों की आय भी बढ़ेगी।
पवन शर्मा क्षेत्र में सरकार पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कोई पहल करती है तो क्षेत्र को नई पहचान मिलेगी। डांबरा गाव के खुले मैदान किसी पत्नीटॉप से कम नहीं है फिर भी राज्य सरकार जम्मू-संभाग को अनदेखा कर कश्मीर को तवज्जो दे रही है। हर वर्ष करोड़ों रुपये डल झील पर लगा देते हैं जबकि रंजीत सागर झील की सुंदरता भी कम नहीं है।
-राजीव कुमार