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भारी अवैध खनन से रावी दरिया पर निर्माणाधीन किड़ियां पुल को खतरा

जागरण संवाददाता, कठुआ : रावी दरिया में जारी बदस्तूर भारी अवैध खनन से निर्माणाधीन रावी दरिया पर किड़िय

By JagranEdited By: Published: Tue, 19 Jun 2018 09:58 PM (IST)Updated: Tue, 19 Jun 2018 09:58 PM (IST)
भारी अवैध खनन से रावी दरिया पर निर्माणाधीन किड़ियां पुल को खतरा
भारी अवैध खनन से रावी दरिया पर निर्माणाधीन किड़ियां पुल को खतरा

जागरण संवाददाता, कठुआ : रावी दरिया में जारी बदस्तूर भारी अवैध खनन से निर्माणाधीन रावी दरिया पर किड़ियां गंडयाल पुल को खतरा बन गया है। जिला कठुआ प्रशासन की ढील के चलते पंजाब के खनन माफिया के हौसले इतने बुलंद होते जा रहे हैं कि उन्होंने अब करीब 10 हजार की आबादी के लिए ड्रीम प्रोजेक्ट रावी दरिया पर बन रहे किड़ियां गंडयाल पुल के समीप जाकर गहराई में जाकर खनन करना शुरू कर दिया है। मंगलवार रावी दरिया में दिन दहाड़े पुल के समीप खनन कर रहे पंजाब के खनन माफिया की जेसीबी की तस्वीरों को पुल निर्माणाधीन कंपनी के कर्मचारियों ने कैद किया। पुल निर्माण कंपनी पहले भी इसकी शिकायत जिला प्रशासन को कर चुकी है, लेकिन उन पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। इसके अलावा स्थानीय किड़ियां गंडयाल के लोग भी कई बार इसकी शिकायत जिला कठुआ प्रशासन को कर चुके हैं। जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन करने के अलावा लिखित शिकायत भी की जा चुकी है, लेकिन खान माफिया के आगे नतमस्तक हुए जिला प्रशासन अभी तक कोई प्रभावी कार्रवाई करता नहीं दिख रहा है। इसी कारण पंजाब के खनन माफिया के हौसले बुलंद हैं। हैरानी इस बात की है रावी दरिया में जम्मू-कश्मीर स्टेट वाटर रेगुलेट्ररी अथारिटी द्वारा विगत पांच माह से खनन पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगाया गया है और तो और उधर रावी दरिया से सटे पंजाब क्षेत्र में भी वहां की सरकार और उच्च न्यायालय ने रावी में किसी भी तरह से खनन पर प्रतिबंध लगा रखा है। ऐसे में दोनों सरकारों द्वारा प्रतिबंध के बावजूद खनन माफिया सक्रिय है। जिन्हें प्रशासन के कुछ अधिकारियों का संरक्षण प्राप्त है। ऐसे में अगर खनन पर रोक नहीं लगती है तो आजादी के बाद पहली बार किड़ियां गंडयाल वासियों को मिलने जा रही पुल सुविधा को खतरा बन सकता है। करीब 80 करोड़ की लागत से बन रहे पुल का निर्माण अभी जारी है। ऐसे में पुल के लिए खतरा साबित हो रहे खनन पर निर्माणाधीन कंपनी के इंजीनियरों ने चिंता जताई है।

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