आठ बजते ही बंकरों में दुबक जाते हैं सीमावर्ती क्षेत्र के लोग
संवाद सहयोगी हीरानगर कठुआ जिले की हीरानगर तहसील के सीमावर्ती गांवों में आठ बजते ही प
संवाद सहयोगी, हीरानगर : कठुआ जिले की हीरानगर तहसील के सीमावर्ती गांवों में आठ बजते ही पाकिस्तान सेना भारी गोलाबारी शुरू कर देती है। पिछले आठ दिनों से हीरानगर सेक्टर के मनयारी, पानसर गावों के बीच रात के समय गोलाबारी होती आ रही है। शनिवार शाम को भी पाक रेंजरों ने इन गावों के बीच आठ बजे गोलीबारी शुरू कर दी, जो सुबह चार बजे तक जारी रही। पाकिस्तानी रेजरों का बीएसएफ मुहंतोड़ जबाब दे रही है, लेकिन पाकिस्तान गोलीबारी करने से बाज नहीं आ रहा।
पाकिस्तानी गोलाबारी से सीमावर्ती क्षेत्र के लोग सतर्क हो गए हैं। शाम होते ही लोग अपने घरों में लौट आते हैं और खाना खा कर बंकरों में सुरक्षित चले जाते हैं। इससे गांव के चौपाल भी सूने हो जाते हैं।
ग्रामीणों का कहना है उनके छुपने के लिए तो सरकार ने बंकरों का निर्माण करवा दिया है, लेकिन मवेशियों की सुरक्षा की उन्हें चिंता रहती है। पाकिस्तानी गोलाबारी की चपेट में आकर उनके मवेशी घायल हो सकते हैं। सीमावर्ती लोगों के लिए खेतीबाड़ी के अलावा माल-मवेशी ही जीविका का मुख्य साधन है। अगर वो पाक गोलाबारी का शिकार हो गए तो उन्हें काफी नुकसान झेलना पड़ेगा।
गोलाबारी के बावजूद घरों में डटे हैं सीमावर्ती लोग
सीमावर्ती गांव मनयारी निवासी देवेंद्र कुमार पूरन चंद, मनोहर लाल का कहना है कि पाकिस्तान हर साल त्योहारों व धान की फसल की कटाई के दौरान गोलाबारी करता है। ताकि सीमा पर बसे लोगों को नुकसान पहुंचाया जा सके। इसके बावजूद गोलाबारी की परवाह न करते हुए सीमावर्ती लोग अपने घरों में डटे हुए हैं। अगर यही हालत रहे तो सीमावर्ती लोग समाजिक तथा आर्थिक तौर पर पिछड़ जाएंगे। सरकार को इस पर भी गौर करना चाहिए। ऐसे हालात का वह तभी सामना कर सकते हैं, जब सरकार भी उन की सहायता करें।