बैक टू विलेज में उठाए मुद्दे का नहीं हुआ समाधान, रोष
जागरण संवाददाता कठुआ बैक टू विलेज-3 शुरू होने वाला है जिसकी तैयारियों में प्रदेश प्रश
जागरण संवाददाता, कठुआ: बैक टू विलेज-3 शुरू होने वाला है, जिसकी तैयारियों में प्रदेश प्रशासन पूरी तरह से जुटा है। सरकार ने अधिकारियों को बैक टू विलेज में ग्रामीणों एवं पंचायत द्वारा बताए गए विकास कार्यों को पूरा करने करने के स्पष्ट निर्देश है।
दरअसल, बैक टू विलेज-3 अक्टूबर के पहले सप्ताह से शुरू होगा। उसके पूर्व दो हुए बैक टू विलेज में ग्रामीणों एवं पंचायत द्वारा बताए गए कार्य अभी तक पूरे नहीं हुए हैं। ऐसा ही एक उदाहरण हीरानगर के सीमांत क्षेत्र में चकड़ा पंचायत के सपालमा गांव को चकड़ा-बोबिया रोड से लिक करने वाला ढाई किलोमीटर लंबा रोड नहीं बन पाया है, जबकि पूर्व में आयोजित हुए दो बैक टू विलेज कार्यक्रम में रोड बनाने की मांग ग्रामीण एवं पंचायत कर चुकी है, लेकिन अधिकारी उसे अभी तक नहीं बना पाये हैं। ऐसे में तीसरा बैक टू विलेज में अधिकारी जनता को अपनी क्या उपलब्धि दिखाएंगे, जबकि ग्रामीण इस बार हिसाब लेने के लिए तैयार है।
स्थानीय सरपंच मीनाक्षी खजूरिया एवं सपालमा के पंच रिकू बंदराल ने बताया कि अगर बीएडीपी सीमांत क्षेत्र विकास योजना में प्रति वर्ष 5 करोड़ के करीब फंड उपलब्ध रहने पर भी उनके गांव को तीस साल पुराने सड़क मार्ग को नहीं बनाया जा रहा है तो सरकार किस तरह का विकास और जन समस्या सुनकर उसका बैक टू विलेज-3 कार्यक्रम को सफल करार दे रही है, जबकि गांव भारत-पाक अंतरराष्ट्रीय सीमा से मात्र ढाई किलोमीटर की दूरी पर है, सीमांत क्षेत्र का 6 किलोमीटर सरकार ने चिन्हित किया है, उसके बाद भी सड़क के निर्माण के लिए कोई कदम नहीं उठाये गए। बंदराल ने बताया कि गांव को जोड़ने वाले रोड से चार गांवों नडवाल, कुंथल और खनक को लाभ मिलना है। इससे पांच हजार आबादी को बेहतर सड़क सुविधा मिलेगी, उसके बाद भी अधिकारी बार-बार मांग करने पर सिर्फ आश्वासन देते आ रहे हैं। अब बैक टू विलेज 3 होने पर उनकी यहीं समस्या मुख्य रहेगी।