केंद्र सरकार की बिजली योजना का कार्य पड़ा ठप
राकेश शर्मा कठुआ बिजली ढांचे के सुधार एवं 24 घंटे निर्विघ्न आपूर्ति से जुड़ी जिला में
राकेश शर्मा, कठुआ : बिजली ढांचे के सुधार एवं 24 घंटे निर्विघ्न आपूर्ति से जुड़ी जिला में अब तक की सबसे बड़ी केंद्र सरकार द्वारा प्रायोजित योजना आरएपीडीआरपी ( रि-एसरेलेटिड पॉवर डेवलपमेंट
रिफॉर्म प्रोजेक्ट) का बुरा हाल है। आलम ये है कि विगत सात माह से इस परियोजना पर कठुआ में कार्य आगे बढ़ने की बजाय पूरी तरह से ठप पड़ा है। वर्ष 2014 में जिले में सबसे पहले कठुआ नगर के लिए मंजूर हुई 63 करोड़ की परियोजना दम तोड़ती दिख रही है। हालांकि, योजना का कार्य वर्ष 2016 में शुरू हुआ। जिसके तहत पूरे शहर की आजादी के बाद पुराने ढांचे से की जाने वाली आपूर्ति व्यवस्था को बदल कर नए सिस्टम शुरू करना था। इसके लिए योजना के शुरू होने पर स्थानीय लोगों को बड़े-बड़े सपने दिखाए गए। जिसमें नए सिस्टम से 24 घंटे आपूर्ति लोगों को दिए जाने के दावे किए गए, लेकिन ये दावे तीन साल बीतने के बाद भी न तो कंपनी पूरा कर पाई और न ही संबधित बिजली विभाग। जिसके चलते केंद्र सरकार की आजादी के बाद बिजली सुधार में अब तक की सबसे बड़ी माने जाने वाली परियोजना दम तोड़ती नजर आ रही है। आलम ये है कि येाजना अधर में लटकी है। शहरवासियों को आज भी लगभग आधे से ज्यादा क्षेत्र में पुराने ढांचे के अनुसार ही आपूर्ति हो रही है। जिससे वोल्टेज में
उतार चढ़ाव, जरा सी भी बारिश, आंधी, तूफान आने पर आपूर्ति सुचारु न रहना आज भी समस्या बनी है। हैरानी इस बात की है कि लागू करने के दौरान इसका श्रेय लेने वाले नेता भी अधर में होने पर नहीं बोल रहे हैं।
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इस गर्मी में भी लोगों को बिजली देगी झटके
बिजली विभाग की आरएपीडीआरपी योजना के लंबित रहने से शहरवासियों को इस बार भी गर्मी के दौरन बिजली की अव्यवस्था के चलते झटके लगेंगे। अभी योजना का कार्य इस वर्ष भी पूरा होने की उम्मीद नहीं की जा सकती है। वोल्टेज में उतार चढ़ाव, जरासी भी बारिश, आंधी व तूफान आने पर आपूर्ति सुचारु न रहने की स्थिति बनी रहेगी। शायद यही करण है कि गत दो दिन पहले वार्ड 18 के लोगों ने खस्ताहाल ढांचे को लेकर विभाग के खिलाफ प्रदर्शन कर रोष भी जताया। आने वाले समय में उमस बढ़ने के दौरान आपूर्ति व्यवस्था और अव्यवस्थित होगी।
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क्या है आरएपीडीआरपी योजना
इस योजना के तहत पूरे शहर की पुराने तार के मक्कड़जाल को निकाल कर उसकी जगह कोटड केबिल से आपूर्ति की जानी है। सभी पुराने खंभे बदल कर उसकी जगह नए खभे लगने हैं। वहीं प्रत्येक गलियों में आठ से दस घरों के कनेक्शन पर छोटे-छोटे ट्रांसफार्मर लगने हैं। प्रत्येक घर के कनेक्शन का मीटर भी गली के चौराहें पर लगेंगे। इससे बिजली की चोरी पूरी तरह से बंद होने का भी विभाग ने दावा किया है। वोल्टेज भी कांसटेंट रहेगी, न हवाएं, आंधी और बारिश से आपूर्ति प्रभावित होने का झंझट रहेगा। मीटर लगने के बाद पूरे 24 घंटे आपूर्ति मिलने का भी बिजली विभाग ने दावा किया है।
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योजना का मौजूदा स्टेट्स
इस समय योजना के तहत शहर में तीन साल बीतने के बाद भी मात्र 50 फीसद ही काम हो पाया है। शहर के भीड़भाड़ वाले क्षेत्र में अभी केबिल नहीं बिछाई गई है। जहां आधे क्षेत्र में बिछी है, वहां भी पूरी तरह से कार्य नहीं हुआ है। कहीं सिर्फ केबिल लगी है तो केबिल के साथ मीटर भी लगे हैं, लेकिन वहां अभी भी 24 घंटे आपूर्ति नहीं मिली है, ऐसे लोग दो साल से मीटर पर किराया भी दे रहे हैं, जिनका बिल पहले से तीन गुणा अधिक देना पड़ रहा है, फिर भी आपूर्ति 24 घंटे नहीं। शहर के अधिकांश आर्थिक रूप से संपन्न घरों में न तो केबिल और न ही मीटर लगे हैं, लेकिन शहर की कई गरीब मोहल्लों में मीटर लगा दिए गए हैं। यानी जो कार्य हुआ है वो भी योजना से नहीं।
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विगत नवंबर से उन्हें किए गए कार्य की पेमेंट नहीं की गई है। जिसके चलते शहर में अब केबिल लगाने का काम बंद है। उन्होंने शहर में 38 करोड़ का कार्य कर दिया है, लेकिन उन्हें सरकार से अभी कुल 12.95 करोड़ का भुगतान हुआ है। बकाया पेमेंट लेने की प्रक्रिया जरी है। जैसे ही मिलती है, अगला कार्य शुरू कर दिया जाएगा। उनके पास कार्य पूरा करने का अब मौजूदा समय जून 2019 तक है।
-युधवीर सिंह सलाथिया, प्रभारी, ईएमसी लिमिटेड कोलकता
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शहर में उक्त योजना के तहत अभी आधा ही कार्य हुआ है, अभी तक कंपनी ने उन्हें कार्य पूरा करने के बाद कोई भी क्षेत्र हैंडओवर नहीं किया है।
-मोहमद शफी, कार्यकारी अभियंता, बिजली विभाग कठुआ