हरित क्रांति का सपना पूरा होने की सौगात लेकर आएगा मोदी का दौरा
राकेश शर्मा, कठुआ तीन फरवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से जिला कठुआ के किसानों क
राकेश शर्मा, कठुआ
तीन फरवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से जिला कठुआ के किसानों को भी दशकों पुरानी परियोजनाओं में से महत्वपूर्ण शाहपुर कंडी डैम की बड़ी सौगात मिलेगी। 2715 करोड़ की परियोजना का निर्माण पंजाब सरकार कराएगी। इसका लाभ कठुआ व सांबा जिले के हजारों किसानों को मिलेगा। चार दशक पूर्व तत्कालीन सरकारों के समय में उन किसानों ने देखा था, जिनकी सिंचाई के अभाव में अब तक बंजर रहने वाली 1. 33 लाख हेक्टेयर भूमि तर होगी। शाहपुर कंडी डैम से कठुआ व सांबा के किसानों को वहां रावी तवी नहर के जरिए 1150 क्यूसिक पानी मिलेगा, हालांकि पानी लेने के लिए राज्य सरकार न ढाई दशक पूर्व उसी डिजाइन के मुताबिक रावी तवी नहर का भी निर्माण करके रखा है, जिसे अब तक मुश्किल से 400 क्यूसिक पानी जुगाड़ से इंतजाम करके जैसे कैसे चलाई जा रही थी। इससे हजारों कंडी क्षेत्र के किसानों को उनकी जरूरत के मुताबिक पानी नहीं मिल पाया था। जम्मू कश्मीर 1150 क्यूसिक पानी पंजाब से अपने हक का लेगा, जो उसने रंजीत सागर डैम बसोहली की धरती पर बनाने की एवज में मुआवजे के तौर पर देने के लिए वर्ष 1979 में खुद समझौता करके देने के लिए तय किया था। समझौते के तहत पंजाब ने राज्य को शाहपुर कंडी डैम परियोजना के निर्माण करके देना था, लेकिन जम्मू कश्मीर में कश्मीर प्रेम रखने वाली पूर्व सरकारों की अनदेखी का लाभ उठाते हुए पंजाब ने उस समझौते के तहत डैम बनाकर सिंचाई के लिए पानी नहीं दिया। अपनी मर्जी से जब वर्ष 2012 में पंजाब ने डैम बनाने का काम शुरू किया तब जम्मू कश्मीर सरकार को पंजाब की मनमानी नीति पर संशय हुआ और उसने डैम का निर्माण रंजीत सागर की तरह हमारी धरती पर होने का तर्क देकर बिना अनुमति से करने पर रोक लगा दी, तब से डैम का निर्माण बंद पड़ा था और समझौते भी टूट चुके थे। इसके बाद वर्ष 2014 में केंद्र में मोदी सरकार के आते ही समझौते पर फिर अमल के प्रयास शुरू हुए। केंद्र सरकार में पीएमओ के प्रयासों से गत वर्ष नया समझौता हुआ। जिसमें पंजाब ने पूर्व समझौते में तय हुई सभी शर्तो को मान लिया है। सबसे अहम परियोजना अब राष्ट्रीय परियोजना में ली गई है। इसमें केंद्र 60 और पंजाब सरकार 40 फीसद फंड लगाएगी। और तो और पंजाब 20 फीसदी राज्य के हिस्से की बिजली भी देगा और 861 राज्य के लोगों को उसमें नौकरी भी देगा। समझौते में जम्मू कश्मीर को पानी लेने के लिए पंजाब की मर्जी पर निर्भर नहीं होना पड़ेगा। ग्रेविटी से अपने हिस्से का 1150 क्यूसिक जब जब जरूरत होगी पानी लेगा। इसके लिए वहां बाकायदा केंद्र व राज्य सरकार के निगरानी अफसर तैनात होंगे।