बीज में खराबी, सैकड़ों एकड़ में लगी धान की फसल मुरझाए
जागरण संवाददाता कठुआ शहर के साथ लगते चंबे दा बाग सहित चक देसा सिंह क्षेत्र में सैकड़ों
जागरण संवाददाता, कठुआ: शहर के साथ लगते चंबे दा बाग सहित चक देसा सिंह क्षेत्र में सैकड़ों कनाल में लगी धान की फसल का बीज खराब होने पर दर्जनों किसानों की चिताएं बढ़ गई हैं। हालांकि, कुछ दिन पहले भी किसानों ने इस मामले को कृषि विभाग के ध्यान में लाया था, लेकिन अभी तक विभाग ने किसानों के हुए नुकसान की भरपाई या इसका कोई अन्य विकल्प नहीं ढूंढा है। इससे कृषि पर निर्भर किसान विभाग के कहने पर खरीदे गए बीज के कारण हुए नुकसान के लिए आंसू बहाने को मजबूर हैं। जबकि कृषि विभाग इसका कोई ठोस उपाय कर किसानों की सहायता के लिए कोई कदम तक नहीं उठा रहा है। इससे किसान अपनी साल भर की फसल, जिस पर उनकी रोजी रोटी निर्भर रहती है, अपनी आंखों के सामने खराब होते देखने को मजबूर हैं।
दरअसल, हर साल की तरह किसानों ने कृषि विभाग की सलाह पर हरियाणा की डायमंड कंपनी से कठुआ की खुली मार्केट में बिकने वाला बीज खरीदा और उसकी पनीरी देने के बाद जब उसे रोपा तो उसके आगे उसकी ग्रोथ ही नहीं हो पाई। कुछ दिनों या देरी से ग्रोथ होने की उम्मीद में करीब दो सप्ताह ऐसे ही निकल गए, लेकिन रोपे गए पौधे और बढ़ने की बजाय पूरी तरह से मुरझा गए तो उनकी चिताएं बढ़ने लगी। खासकर छोटे किसान जो खेती पर ही निर्भर हैं।
शहर के वार्ड 6 के पवन चौधरी का चंबे दा बाग क्षेत्र में मौजूदा समय में 20 कनाल में लगा धान की फसल बीज की वजह से पूरी तरह से खराब हो गया है। इसके कारण एक महीने रोपाई के लिए तैयार किए गए खेत का खर्च, बीज की खर्च और कड़ी धूप में की गई मेहनत बेकार हो गई। पवन ने बताया कि कृषि विभाग की सलाह पर उसने 16 किलोग्राम बीज 80 रुपये प्रति किलो के हिसाब से खरीद कर पनीरी लगाई थी, जिसके बाद 20 कनाल में रोपाई की गई, लेकिन सभी बेकार हो गई। खेत में लगी फसल उगने की बजाय सूख गई है। इससे उसका हजारों का नुकसान हुआ है। कृषि विभाग के ध्यान में मामला लाया गया, लेकिन कोई भी समाधान करने का प्रयास नहीं किया जा रहा है।
बता दें कि उक्त क्षेत्र में दर्जनों किसानों ने उक्त बीज से धान की रोपाइ की है,सभी के खेत में लगी धान की फसल सूख गई है। कोट्स---
चक देसा सिंह में भी किसानों द्वारा लगाई गई धान की 1121 किस्म के बीज से फसल सूख गई, दरअसल उक्त बीज काफी पुरानी क्वालिटी का हो गया है, किसानों को इसे छोड़ कर नई किस्म के बीज लगाने के लिए प्रेरित किया गया, लेकिन किसान अभी भी उसे ही लगा रहे हैं, हालांकि चंबे दा बाग क्षेत्र में मुरझा गई फसल मामला गंभीर है। बुधवार को वे खुद उक्त क्षेत्र का दौरा कर कोई समाधान करने का प्रयास करेंगे, ताकि किसान की भरपाई हो सके।
-डॉ. विशाल महाजन, वरिष्ठ वैज्ञानिक, कृषि विज्ञान केंद्र कठुआ। कोट्स----
किसानों ने काफी एडवांस में ही पनीरी लगा दी थी, उसके रोपाई के बाद खेतों में लगातार पानी जमा किए हुए है, उन्हें खेतों में जमा किए पानी की निकासी करने के लिए कहा जा रहा है, ताकि उसमें दवा का छिड़काव किया जा सके, लेकिन वे धान की रोपाई किए खेतों से पानी निकालने के लिए राजी नहीं हैं, उक्त बीज का सैंपल जम्मू लैब में भी टेस्ट के लिए भेजा गया है।
-अरुण गुप्ता, मुख्य कृषि अधिकारी, जिला कठुआ।