Move to Jagran APP

प्रभु से प्रीति और मोह से निवृत्ति का उपाय है सत्संग

जागरण संवाददाता कठुआ मकर संक्रांति के उपलक्ष्य में नौनाथ स्थित श्री अखंड परमधाम आश्रम में श्

By JagranEdited By: Published: Sat, 13 Feb 2021 06:57 AM (IST)Updated: Sat, 13 Feb 2021 06:57 AM (IST)
प्रभु से प्रीति और मोह से निवृत्ति का उपाय है सत्संग
प्रभु से प्रीति और मोह से निवृत्ति का उपाय है सत्संग

जागरण संवाददाता, कठुआ : मकर संक्रांति के उपलक्ष्य में नौनाथ स्थित श्री अखंड परमधाम आश्रम में शुक्रवार को आयोजित विशेष सत्संग में डुग्गर प्रदेश के महान संत सुभाष शास्त्री जी महाराज ने प्रवचन आरंभ करते हुए कहा कि मनुष्य जीवन में विवेक-वैराग्य का होना अति आवश्यक है। मनुष्य में यदि विवेक-वैराग्य नहीं तो मानो कुछ भी नहीं। प्रभु प्रीति व मोह की निवृत्ति नहीं तो समझो सुख-शांति व कल्याण की प्राप्ति भी नहीं। विवेक-वैराग्य प्रभु प्रीति व मोह की निवृत्ति का उपाय है सत्संग।

loksabha election banner

सत्संग के बिना हरि कथा सुनने को नहीं मिलती है। इसके बिना श्री रामचंद्र जी के चरणों में दृढ़ अचल प्रेम नहीं होता। शास्त्री जी ने कहा कि महापुरुषों का कथन है कि बिना सत्संग के विवेक न होई, मोक्ष प्राप्ति का सबसे सहज साधन सत्संग है। तपस्या, त्याग आदि से भी भगवान इतने प्रसन्न नहीं होते, जितने सत्संग से होते हैं। प्रगाढ़ प्रेम से सत्संग द्वारा ईश्वर को प्राप्त करना सबसे सरल उपाय है। संगत को आगे समझाते हुए शास्त्री जी ने बताया कि मनुष्य सदैव सत्संग की अमृतधारा में डुबकी लगाता रहे तो अपने जीवन को सफल बना सकता है। सत्संग को निरंतर सुधार की प्रक्रिया माना जा सकता है जो प्रेम और सद्भावना से जीवन की वृत्ति का परिमार्जन करता है। जीवन में एक बार यदि सुधार का मार्ग मिल जाए तो आत्मोद्वार लक्ष्य पूर्ण हो जाता है सकता है। जीवन में सुख-शांति, समृद्धि सत्संग से संभव है। जीवन के तमाम अनुत्तरित प्रश्नों के उत्तर हमें सत्संग के माध्यम से मिल जाते हैं अत: मानव जीवन का एक महत्वपूर्ण अंग है सत्संग, जो हमारे विचारों को शुद्ध करने में सक्षम रहता है। इसके परिणाम में हमें आत्मिक शांति प्राप्त होती है। इसलिए सदा सत्संग करें।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.