आरईटी शिक्षकों की मांगों को गंभीरता से लें सरकार
- एसएसए और रमसा के तहत काम करने वाले शिक्षकों को कई माह से नहीं मिला वेतन - जिले के डीसी ऑफिस के
- एसएसए और रमसा के तहत काम करने वाले शिक्षकों को कई माह से नहीं मिला वेतन
- जिले के डीसी ऑफिस के समक्ष जोरदार प्रदर्शन कर मुख्यमंत्री को भेजा ज्ञापन
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जागरण संवाददाता, कठुआ :
शिक्षा विभाग में रहबर-ए-तालीम (आरईटी) सहित रमसा एवं सर्व शिक्षा अभियान योजना के अंतर्गत नियुक्ति शिक्षक विभागीय अनदेखी के कारण परेशान हैं। शनिवार उनकी जायज मांगों के समर्थन में जम्मू-कश्मीर टीचर्स फोरम (जेकेटीएफ) ने अन्य संगठनों के साथ संयुक्त रूप से डीसी ऑफिस के समक्ष प्रदर्शन किया और सरकार को चेताया। प्रदर्शन के उपरांत फोरम की ओर से जिला प्रशासन के माध्यम से राज्य की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती को ज्ञापन भी भेजा गया। जिसमें आरईटी शिक्षकों को विभागीय अनदेखी के कारण पेश आ रही समस्याओं पर जल्द गौर करने की मांग की गई है। फोरम के जिला प्रधान सुभाष शर्मा ने कहा कि सरकार को शिक्षक वर्ग की समस्याओं को जल्द हल करना चाहिए। स्कूलों में कई-कई महीनों विद्यार्थियों को पढ़ाने के बाद भी उन्हें वेतन नहीं दिया जा रहा है। जिसके चलते अभी भी कई महीनों से उनका वेतन बकाया है। सरकार ने मौजूदा समय में रहबर-एक तालिम शिक्षकों को स्थायी करने के लिए भी कोई आदेश जारी नहीं किए हैं जबकि नियम के अनुसार आरइटी के रूप में उनकी सेवाएं पूरी हुए कई साल हो गए हैं। उसके बाद भी न तो पक्का किया जा रहा है और न ही उनकी कोई ट्रांसफर नीति है। इसके अलावा योजना के तहत जम्मू-कश्मीर भर्ती सेवा चयन बोर्ड द्वारा नियुक्त विभिन्न स्कूलों में कार्यरत जनरल लाइन के शिक्षकों को भी एसएसए और रमसा के तहत काम करने के बाद वेतन के लाले पड़े हैं। सरकार समाज के निर्माता वर्ग की परेशानियों को जानें और उन्हें तत्काल प्रभाव से दूर करने के प्रयास करें ताकि शिक्षक तनावमुक्त होकर स्कूलों में बच्चों को शिक्षा प्रदान कर सकें। अगर शिक्षक ही अपनी ड्यूटी वेतन न मिलने के कारण तनाव से करेगा तो देश का भविष्य कैसे संवरेगा। सरकार उनकी मांगों को गंभीरता से और जल्द हल करने का प्रयास करें। उन्होंने उम्मीद जताई कि मुख्यमंत्री जल्द उनकी जायज मांगों पर गौर कर लंबित मांगों का समाधान करके शिक्षक वर्ग को राहत प्रदान करेगी।