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पेयजल संकट से जूझ रहें हैं गांव सल्लान के बाशिंदे

संवाद सहयोगी बसोहली उपजिले में पानी की किल्लत विकराल रूप धारण किए हुए है। द्रमण पंचायत के गा

By JagranEdited By: Published: Sun, 20 Jun 2021 06:31 PM (IST)Updated: Sun, 20 Jun 2021 06:31 PM (IST)
पेयजल संकट से जूझ रहें हैं गांव सल्लान के बाशिंदे
पेयजल संकट से जूझ रहें हैं गांव सल्लान के बाशिंदे

संवाद सहयोगी, बसोहली: उपजिले में पानी की किल्लत विकराल रूप धारण किए हुए है। द्रमण पंचायत के गाव सल्लान में पिछले 6 सालों से लोग दूषित पानी पीने को मजबूर हैं। ग्रामीणों ने कई बार गुहार लगाई और कई आश्वासन भी मिले, मगर समस्या अब भी ज्यों की त्यों बनी हुई है। आश्वासनों से तंग आ चुके ग्रामीणों ने सड़क पर उतरकर उग्र आदोलन करने की चेतावनी दी है।

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ग्रामीण गरमेल सिंह, सुरेंद्र कुमार बिल्ला, कर्णचंद, नजीर अहमद, प्रेम चंद, पूर्व सरपंच देव राज आदि ने बताया कि बसोहली तहसील की पंचायत द्रमन के गाव सल्लान में 6 वर्ष पूर्व गाव में पानी की पाइप लाइन व पानी की कूल हुआ करती थी, जिसके कारण ग्रामीणों को पीने के पानी एवं जमीन के लिए पानी की किल्लत नहीं आती थी, परंतु जैसे ही छह साल पूर्व गाव के विकस के लिए सड़क का निर्माण पीएमजीएसवाई विभाग द्वारा सड़क का कार्य हुआ, लेकिन आज सब कुछ तबाह हो गया। सड़क निर्माण के लिए चलाई गई मशीनों ने गाव के पानी के स्त्रोत और पाइपलाइन को क्षतिग्रस्त कर दिया। इसे लेकर बैक टू विलेज, ब्लाक दिवस, एडीसी दरबार के अलावा कई बार जनप्रतिनिधियों के आगे भी गुहार लगाई। इसी के चलते पिछले साल सोशल मीडया पर पानी की परेशानियों को लेकर लोगो की कुछ फोटो भी वायरल हुई थी, जिस पर जल शक्ति विभाग के सचिव अजीत कुमार साहू ने ट्वीट तक किया था। वहीं, दूसरे दिन जल शक्ति विभाग के अधिकारी गाव पहुंचे एवं लोगों को आश्वासन दिया कि 15 दिन के अंदर पानी की समस्या दूर हो जाएगी, इसके बावजूद एक साल पूरा होने के बाद भी स्थिति यथा ही है। आज भी गाव के लोगों को उसी पानी को पीना पड़ रहा है, जिसमें माल मवेशी पानी पीते हैं।

गंदा और लाल रंग का पानी बरसात में हर घर में देखा जा सकता है। पानी की समस्या का कोई हल नहीं हुआ। उक्त पाइप की लाइन न लगने से करीब 300 परिवार को पीने के पानी के लिए कापी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने बताया कि इस समस्या को संसद डा जितेंद्र सिंह व पूर्व उप मुख्यमंत्री डा. निर्मल सिंह के पास भी कई बार गुहार लगा चुके, परन्तु कोई हल नही हुआ। उन्होंने बताया कि इस पानी की किल्लत की जिम्मेवार पीएमजीएसवाई सड़क है, जिसके कारण गाव की कूल एवं पानी की पाइप लाइन क्षतिग्रस्त हुई। उन्होंने भी कई बार स्थानीय निवासियों को आश्वासन दिया, मगर कार्रवाई नहीं हुई।

ग्रामीणों ने चेतावनी दी कि अगर एक सप्ताह के अंदर पानी की समस्या का हल नहीं हुआ तो सड़क पर उतरने को मजबूर हो जाएंगे। इस बार किसी का आश्वासन नहीं बल्कि ग्रामीणों को सतह पर काम चाहिये, गाव का विकास चाहिए। बाक्स----

पानी पर निर्भर थी खेती

गाव की पानी की कूल के बंद होने से किसान तबके को ज्यादा नुकसान हुआ। गाव में हर घर में साग सब्जी पैदा होती थी, लेकिन अब कूल नहीं होने के कारण बाहर से सब्जी खरीदनी पड़ रही है जो काफी महंगी और खाद के साथ तैयार होती है। किसानों की फसलों, जिनमें धान सबसे ऊपर है वह भी प्रभावित हुए। माल मवेशी भी कम होने लगे। किसानों का कहना है कि कूल जीवन दायनी थी। अगर जल्द ही कार्रवाई नहीं हुई तो गाव का बच्चा बच्चा सड़क पर आएगा। रोजाना कूल और पाइप लाइन के टूटने पर पानी के लिये दरबदर होना पड़ रहा है।


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