राज्यपाल शासन से समस्या समाधान की जगी उम्मीद
जागरण संवाददाता, कठुआ : जिला मुख्यालय पर विगत कई सप्ताह से काम छोड़ हड़ताल पर बैठे विभिन्न सरकारी कर्म
जागरण संवाददाता, कठुआ : जिला मुख्यालय पर विगत कई सप्ताह से काम छोड़ हड़ताल पर बैठे विभिन्न सरकारी कर्मियों के संगठनों को अब सरकार गिरने के बाद राज्यपाल शासन लागू होने पर लंबित समस्या के समाधान की उम्मीद जगी है। हड़ताल पर बैठे विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधियों का कहना है कि सरकार के मंत्रियों ने उनकी समस्याओं के समाधान के लिए प्रयास नहीं किए, लेकिन अब लग रहा है कि उनकी समस्याओं को गर्वनर जल्द सुनेंगे और समाधान करेंगे। विगत साढ़े तीन माह से हड़ताल पर बैठी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने हालांकि बुधवार भी पूर्व की तरह अपना संघर्ष जारी रखा और कहा कि जब तक उनकी मांगों पर गौर नहीं किया जाता, उनकी हड़ताल जारी रहेगी। आंगनबाड़ी वर्कर्स एवं हेल्पर्स यूनियन की सुनीता देवी ने ड्रीमलैंड पार्क में आयोजित धरने के दौरान कहा कि उनकी मांगों पर सरकार ने तो गौर नहीं किया, जिसके चलते उन्होंने संघर्ष जारी रखा हुआ है, हालांकि उन्हें राज्यपाल से उम्मीद जगी है कि वो बेहतर प्रशासनिक व्यवस्था चलाने का अनुभव रखते हैं और उनकी लंबित व जायज मांगों को जल्द पूरा करेंगे लेकिन वे मांग पूरी होने तक डटी रहेंगी। पटवारी भी मांग पूरी होने तक हड़ताल जारी रखेंगे
पिछले 38 दिन से लंबित मांगों के समर्थन में काम छोड़ हड़ताल पर बैठे पटवारियों ने भी फिलहाल अपनी हड़ताल मांग पूरी होने तक जारी रखने का फैसला किया है। कठुआ तहसील मुख्यालय के समक्ष धरने पर बैठे जिला पटवार एसोसिएशन के सचिव मुहम्मद रफीक ने बताया कि जम्मू में बुधवार उनकी एसोसिएशन के सदस्यों की राज्य के वित्त सचिव से मुलाकात तय है। उसके बाद ही अगली रणनीति तय होगी। इसके चलते वो तब तक हड़ताल जारी रखेंगे। हालांकि, राज्यपाल शासन के लागू होने से उनकी जायज और मंजूर हुई मांगों पर जल्द गौर होने की उम्मीद है।
आखिर वही हुआ जिसकी उम्मीद थी : जनता दल
राष्ट्रीय जनता दल के जिला प्रधान एसके भंडारी व मनोहर लाल ने आयोजित पत्रकारवार्ता में कहा कि दो अलग-अलग विचारधाराओं के दलों के गठबंधन से सरकार पूरी अवधि में चलने की कैसे उम्मीद की जा सकती थी। आखिर वहीं हुआ, जिसकी सरकार गठन के दौरान उम्मीद थी। लेकिन इन सालों में राज्य को भारी नुकसान हुआ है। विकास पिछड़ चुका है। भ्रष्टाचार चरम सीमा पर पहुंच गया है। कश्मीर में हालात बद से बदतर हो गए हैं। आतंकवाद का बोलबाला है। इसका खामियाजा अब जनता को भुगतना पड़ेगा। मंत्री तो तीन साल में अपने घर भरते चले गए। सरकार को तीन साल में हुए कायरें की जांच करानी चाहिए ताकि पता चल सके कि मंत्री कितना लूट कर ले गए हैं।
ऐसे में राज्यपाल शासन से उम्मीद करते हैं कि सरकारी व्यवस्था सुधरेगी और लोगों के लंबित पड़े काम अब जल्द पूरे होंगे।