खनन पर रोक से आक्रोशित ट्रैक्टर मालिकों का प्रदर्शन
जागरण संवाददाता कठुआ जिले की नदियों एवं खड्डों में खनन पर जारी प्रतिबंध के कारण आए
जागरण संवाददाता, कठुआ : जिले की नदियों एवं खड्डों में खनन पर जारी प्रतिबंध के कारण आए दिन की कार्रवाई से टिप्पर मालिकों के बाद अब ट्रैक्टर-ट्राली मालिकों ने भी विरोध जताना शुरू कर दिया है। कार्रवाई के विरोध में ट्रैक्टर मालिकों ने एक सप्ताह तक अपना काम ठप कर हड़ताल की घोषणा कर दी है। ट्रैक्टर मालिकों ने शुक्रवार को जिला मुख्यालय पर डीसी कार्यालय के मुख्य गेट पर प्रदर्शन कर रोष जताया और आए दिन रेत बजरी लाने पर पुलिस द्वारा की जा रही कार्रवाई को बंद करने की मांग की।
विरोध प्रदर्शन कर रहे ट्रैक्टर मालिकों ने कहा जब रेत बजरी लाने पर उनसे वहां पर जबरन रायल्टी वसूली जाती है तो फिर उनके खिलाफ अवैध खनन का आरोप लगाकर कार्रवाई क्यों की जा रही है। रायल्टी वसूलने के बाद ठेकेदार उन्हें रसीद तक नहीं देते। मांगने पर उनसे मारपीट पर उतारू हो जाते हैं। ऐसे में उन पर ही कार्रवाई क्यों। जो रायल्टी वसूल रहे हैं, उन पर खनन विभाग कार्रवाई क्यों नहीं करता। सिर्फ ट्रैक्टर मालिकों पर कार्रवाई की जा रही है। प्रदर्शन में शामिल देंवेंद्र सिंह, मखन लाल और नीरज कुमार ने कहा कि जिले में हजारों की संख्या में ट्रैक्टर मालिकों की रोजी-रोटी रेत बजरी की ढुलाई से चलती है। इसे भी सरकार छीनने पर उतारू है। जबकि पंजाब के खनन माफिया, जो अवैध खनन कर रहे हैं, उनके खिलाफ पुलिस, जिला प्रशासन या फिर खनन विभाग कार्रवाई नहीं करता। सिर्फ ट्रैक्टर मालिकों को ही निशाना बनाया जा रहा है। इससे उनका धंधा बंद हो गया है। ट्रैक्टर मालिकों ने कहा कि जिले भर में जारी सरकारी एवं गैर सरकारी निर्माण कार्यो के लिए रेज बजरी की जरूरत है। ऐसे में प्रतिबंध के चलते काम कैसे हो पाएंगे। क्या सरकार ने निर्माण कार्य बंद कर दिए हैं। यदि नहीं किए है तो उन्हें उक्त मैटेरियल कहां से उपलब्ध कराया जा रहा है। सब कुछ जानते हुए भी प्रशासन सिर्फ ट्रैक्टर मालिकों पर कार्रवाई करके खनन पर प्रतिबंध को प्रभावी बनाने की सक्रियता दिखाता है, लेकिन जमीनी हकीकत पर क्या हो रहा है। प्रतिबंध के बावजूद पंजाब का खनन माफिया रावी में अवैध खनन करने में लगा है। ऐसे में उन लोगों पर भी कार्रवाई हो, जो उज्ज दरिया से रायल्टी वसूल रहे हैं। जब तक उन पर कार्रवाई नहीं होती तो वो हड़तात पर रहेंगे। कहीं पर भी रेत बजरी की आपूर्ति नहीं करेंगे।
उधर, डीसी ओपी भगत ने ट्रैक्टर मालिकों को आश्वासन दिया कि वे एक सप्ताह का समय दें। इस संबंध में कोई न कोई समाधान निकाला जाएगा।