सरकार बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के नारे को खुद कर रही खोखला
फोटो सहित-11 जागरण संवाददाता, कठुआ : जिला भर में विगत तीन माह से वेतन बढ़ाने सहित स्थायी करने की
फोटो सहित-11
जागरण संवाददाता, कठुआ : जिला भर में विगत तीन माह से वेतन बढ़ाने सहित स्थायी करने की मांग को लेकर आंगनबाड़ी वर्कर्स एवं हेल्पर्स हड़ताल पर हैं और लगातार अपनी जायज मांगों को लेकर धरना प्रर्दशन व जलूस आदि का आयोजन करती आ रही है,लेकिन सरकार पर आज तक उनकी मांगों को लेकर जूं तक नहीं रेंगी है। आंगनबाड़ी वर्कर्स एवं हेल्पर्स एसोसिएशन के बैनर तले प्रर्दशन कर रही कार्यकर्ताओं ने शनिवार को भी जिला मुख्यालय पर ड्रीमलैंड पार्क में प्रदर्शन कर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। प्रदर्शन का नेतृत्व कर रही रेनुका, रेखा, सुनीता आदि ने सरकार पर उनकी जायज मांगों को लेकर की जा रही अनदेखी पर रोष जताया। उन्होंने कहा कि बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ के नारे लगाने वाली सरकार आज बेटियों को अनदेखा कर रही है। इस महंगाई के जमाने में पूरा दिन काम करने पर 3500 रुपये वेतन कहां का इंसाफ है। ये महिलाओं के साथ शोषण है और मानव अधिकार की उल्लंघना है। मजूदर का वेतन भी आज प्रतिदिन 350 रुपये है और सरकार द्वारा वेतन भी 4500 रुपये है, लेकिन उनका वेतन मात्र 3500 रुपये और हेल्पर्स का 800 रुपये। ऐसे में सरकार के बेटी बचाओ और बेटी पढ़ाओ के नारे मात्र खोखले हैं। अगर सही मायने में सरकार गंभीर है तो उनकी जायज मांगे मानते हुए वेतन 10 हजार करें और हेल्पर्स का 5 हजार ।
आंगनबाड़ी वर्करों ने दी उग्र आदोलन की चेतावनी
संवाद सहयोगी, बिलावर : लगभग पिछले तीन महीनों से काम छोड़ हड़ताल कर अपनी मांगों पूर्ति के लिए आदोलन कर रही आंगनबाड़ी वर्कर्स और हेल्परों ने अब अपने आदोलन को उग्र करने की चेतावनी दी है। शनिवार को बिलावर तहसील मुख्यालय पर धरने पर बैठी सैकड़ों आंगनबाड़ी वर्करों ने सरकार की कार्यप्रणाली की ओर रोष जताते हुए कहा कि वे लोग मांगों के लिए संघर्ष कर रही है लेकिन सरकार के किसी प्रतिनिधि ने उनकी मागों को सुनने तक का सयम नहीं निकाला। मोनिका राजपूत ने कहा कि पहले तो वे लोग शांतिपूर्वक तरीके से सरकार से मांगों को पूरा करने की गुहार लगा रही थीं लेकिन अब इस कठोर दिल सरकार के खिलाफ उग्र आदोलन की राह अपनाएंगे।