उज्ज फीडर खराब होने से रात भर दो दर्जन गांवों में छाया रहा अंधेरा
संवाद सूत्र, रामकोट : विभाग की बदहाल व्यवस्था के चलते रामकोट क्षेत्र के लोगों को आए दिन बिजली के कटो
संवाद सूत्र, रामकोट : विभाग की बदहाल व्यवस्था के चलते रामकोट क्षेत्र के लोगों को आए दिन बिजली के कटों से बेहाल रहना नियति बन गई है। बीती रात उज्ज फीडर में आई खराबी से रात भर 10 पंचायतों व दो दर्जन गांवों में अंधेरा छाया रहा। इसके कारण भीषण गर्मी में लोगों को पूरी रात काटनी पड़ी। हालांकि, रात करीब दस बजे गुल हुई बिजली को विभाग ने 12 घटे के बाद बहाल कर दिया लेकिन इस बीच बिजली के आने-जाने का सिलसिला बना रहा और शाम करीब 4 बजे बिजली की सप्लाई सामान्य हुई तो लोगों ने राहत की सांस ली। स्थानीय लोगों के अनुसार गर्मी के इस मौसम में रात के समय बिजली के चले जाने से न तो लोग अंदर सो पाते हैं और न ही बाहर निकल पाते हैं क्योंकि पूरी तरह से अंधेरे में डूबे ग्रामीण क्षेत्र में इन दिनों तेंदुए का आतंक अपने चरम पर है। वह अंधेरे का लाभ लेकर किसी पर भी हमला बोल कर उन्हें घायल कर सकता हैं जिसके कारण उन्हें सुरक्षा को देखते हुए गर्मी और उमस के बावजूद अपने घरों में ही रहना पड़ता है। वहीं आए दिन पूरी-पूरी रात गुल रहने वाली बिजली के कारण क्षेत्र में पानी की सप्लाई भी प्रभावित हो जाती है। जिससे पहाड़ी क्षेत्र में लोग त्राहि-त्राहि करने के लिए मजबूर हो जाते है।
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उज्ज फीडर के लिए हमारे पास पूरा स्टाफ नहीं : एईई
इस समस्या के संबंध में सब डिवीजन के एईई जावेद हुसैन अख्तर से बात की गई तो उन्होंने बताया कि विभाग द्वारा रामकोट क्षेत्र में बिजली की सप्लाई बनाए रखने के उज्ज फीडर बनाया गया है। 6.3 एमवीए की क्षमता वाले स्टेशन को हीरानगर और महानपुर स्थित ग्रिड स्टेशन से जोड़ा गया है। लेकिन हीरानगर और महानपुर स्टेशन से आने वाली 33 केवीए लाइनों में आए दिन होने वाली खराबियों के कारण भी समस्या आती रहती है। वहीं रामकोट पावर स्टेशन में लगा फीडर भी काफी खस्ताहाल है। उन्होंने बताया कि उज्ज फीडर से वितरण के लिए करीब 20 किलोमीटर लंबी लाइनें हैं जिनसे रामकोट क्षेत्र के विभिन्न गांवों में बिजली पहुंचाई जाती है लेकिन इनके रखरखाव के लिए भी उनके पास पर्याप्त स्टाफ नहीं है। इससे समस्या आती रहती हैं। फिलहाल उनका पूरा प्रयास होता है कि उपलब्ध संसाधनों से लोगों को बेहतर सुविधा दी जाए लेकिन कई बार समस्या इतनी ज्यादा होती है कि उसके समाधान में समय लग जाता है।