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बावन साल में भी नहीं सुधरी सड़क की दशा, हिचकोले खाते हैं वाहन

संवाद सहयोगी बसोहली सुनने में भले ही कुछ अटपटा लगे लेकिन है हकीकत। 22 किलोमीटर सड़क को

By JagranEdited By: Published: Tue, 29 Dec 2020 01:24 AM (IST)Updated: Tue, 29 Dec 2020 01:24 AM (IST)
बावन साल में भी नहीं सुधरी सड़क की दशा, हिचकोले खाते हैं वाहन
बावन साल में भी नहीं सुधरी सड़क की दशा, हिचकोले खाते हैं वाहन

संवाद सहयोगी, बसोहली : सुनने में भले ही कुछ अटपटा लगे, लेकिन है हकीकत। 22 किलोमीटर सड़क को बनाते-बनाते 52 साल लग गए, लेकिन आज तक इसका काम मुकम्मल नहीं हो पाया। वाहन चालक इस सड़क पर जान को जोखिम में डाल कर चलने को मजबूर हैं। सड़क इतनी खराब है कि वाहन हिचकोलें खाते हुए इस सड़क पर चलते हैं। बारिश में तो इतनी फिसलन हो जाती है कि वाहन रेंग-रेंग कर चलते हैं।

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यह बदहाल सड़क है जीरो मोड़ से-धार महानपुर तक 22 किलोमीटर की है। इसको बनाने के सब्जबाग दिखा कर न जाने कितने नेताओं ने कुर्सी संभाली, लेकिन जीत के बाद इसे भुला दिया। जिला कठुआ में पत्नीटॉप के नाम से विख्यात धार महानपुर अपनी मनोरम वादियों के लिए प्रसिद्ध है। यहा की खूबसूरती का हर कोई कायल हो जाता है। यहा आने पर लोग सब कुछ भूल कर प्राकृतिक सौंदर्य में खो जाते हैं। इसे विडंबना ही कहेंगे कि इसे पर्यटन के मानचित्र पर तो लाया जा रहा है, लेकिन सड़क सुविधा में सुधार को लेकर काम मंद गति से चल रहा है जिससे लोग खुश नहीं हैं। वर्ष 1968 में शुरू हुआ था काम

वर्ष 1968 में इस सड़क का काम शुरू हुआ था। इसे पीडब्ल्यूडी ने शुरू कराया था। इसके बाद काम मंद गति से चलता रहा। वर्ष 1980 में सड़क के लिए नाबार्ड से लोन भी लिया गया। वर्ष 1986 में यात्रियों को लेकर पहली बस बसोहली से रवाना हुई। उस समय भी सड़क नाम की ही थी। वर्ष 2016 में एक बार फिर प्रधानमंत्री सड़क योजना में इसे रखा गया और काम तो शुरू हुआ मगर गति वही रही। फिसलन भरी सड़क पर सफर मुश्किल

स्थानीय निवासियों का कहना है कि सड़क इतनी खराब है कि इस पर चलना किसी मुसीबत से कम नहीं है। मजबूरीवश लोग इससे गुजरते हैं। सारे सरकारी काम करवाने के लिए बसोहली जाना लोगों की मजबूरी है। सड़क कच्ची और फिसलन भरी होने के कारण हर रोज दुर्घटनाएं होती रहती हैं। इसके बावजूद शासन-प्रशासन इधर ध्यान नहीं दे रहा है। दर्जनों गांव जुड़े हैं इस सड़क से

जीरो मोड़ से धार महानपुर तक घगरोड़ पंचायत के कगडेरा, झेंखर, मियाली, नक्की, सनन्घाट, सुचेरा, बंजी, पलारा, फरोलु, जगना, ठेरू डाबी, डब, खोलिया तलाइया, रतानु, खुडकी घाट, बाड़ीघाट, नगाली, गोड़ल, परसोता, धार कोहर, केहर, सिम्मनी, अदाट तक के लोग आश्रित हैं। खचाखच भरे यात्री वाहनों में लोग सफर करने को मजबूर हो रहे हैं। सड़क बनने से होगा लाभ

इस सड़क के पक्की होने पर बसोहली आने वाले पर्यटक धार महानपुर की यात्रा कर सकते हैं। यहा पर पर्यटकों के आने से बेरोजगारों को रोजगार के साधन उपलब्ध हो पाएंगे। वहीं, दूर-दूर तक यह जगह विख्यात होने लगेगी। वीडीसी चेयरमैन सुषमा करियाल का कहना है कि हर दरबार में हर जगह पर इस सड़क को लेकर बात करती हूं। एडीसी बसोहली ने भी सड़क बनाने वाली कंपनी को नोटिस दिया है। हो सकता है आने वाले दिनों में काम में तेजी आए।


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