कूटा के पूर्व सरपंच कात कुमार लड़ेंगे डीडीसी चुनाव
संवाद सहयोगी हीरानगर हिंदू एकता मंच के सदस्य व कूटा के पूर्व सरपंच कात कुमार हीरानगर ब्लाक से
संवाद सहयोगी, हीरानगर: हिंदू एकता मंच के सदस्य व कूटा के पूर्व सरपंच कात कुमार हीरानगर ब्लाक से बतौर आजाद उम्मीदवार जिला विकास परिषद (डीडीसी) का चुनाव लड़ेंगे। रविवार को दयालाचक में आयोजित पत्रकार वार्ता में घोषणा करते हुए कात कुमार ने कहा कि स्थानीय मुद्दों को लेकर वे पहले भी संघर्ष करते रहे हैं, अब आम जनता की सलाह पर उन्होंने जिला विकास परिषद का चुनाव लड़ने का फैसला किया है।
उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर में केंद्र शासित प्रदेश बनने के आद आम जनता को अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। एक तरफ सीमा पर पाकिस्तान की तरफ से लगातार गोलीबारी हो रही है, वहीं कंडी क्षेत्र में फसलें नहीं होने से किसान आíथक तंगी का सामना कर रहे हैं। पढे़ लिखे युवाओं को रोजगार नहीं मिल रहा, डेलीवेजरों को भी अभी तक स्थाई नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि वे स्थानीय मुद्दों को लेकर चुनाव लडे़ंगे। अगर वे चुनाव जीत गए तो क्षेत्र के विकास के साथ-साथ कंडी क्षेत्र के लिए सीमात विकास योजना की तर्ज पर कंडीं विकास योजना लागू करने तथा क्षेत्र में उद्योग लगाने के लिए संघर्ष करेंगे, ताकि युवाओं को रोजगार मिल सके। इस मौके पर विजय खजुरिया, मदन लाल, राजेश कुमार, रूप लाल, संजय मेहता, अशोक कुमार, वेद प्रकाश, गंगा राम आदि मौजूद थे।
उधर, ब्लॉक मीरां साहिब सीट से डीडीसी चुनाव के लिए नामांकन पत्र भरने का सोमवार को आखिरी दिन है, लेकिन अभी तक किसी भी उम्मीदवार ने अपना नामांकन पत्र दाखिल नहीं किया है। 16-23 नवंबर तक नामांकन पत्र भरने की तिथि निश्चित की गई थी। 26 नवंबर को नाम वापस लेने की आखिरी तिथि है। इसलिए अब सोमवार को ही उक्त सीट से चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों का अपने-अपने समर्थकों के साथ नामाकन पत्र भरने के लिए आने पर ब्लॉक कार्यालय में जमावड़ा लगा रहेगा। दूसरी ओर चुनाव लड़ने के इच्छुक उम्मीदवारों ने ज्यादा से ज्यादा समर्थकों को अपने साथ पर्चा भरने के समय मौजूद रहने के लिए उनके साथ संपर्क साधने में जुटे हुए हैं। हर उम्मीदवार शक्ति प्रदर्शन दिखाकर पर्चा भरना चाहेगा। इसलिए सोमवार को ब्लॉक कार्यालय में सारा दिन गहमागहमी का माहौल बना रहेगा। ब्लॉक में 10 दिसंबर को मतदान होना है। इसके लिए मतदाता भी अब मतदान के दिन का बड़ी बेसब्री से इंतजार करने में लगे हुए हैं।
कुछ युवा मतदाताओं से बातचीत करने पर उन्होंने बताया कि उनकी इस समय सबसे बड़ी समस्या 4 जी की है जिस को हल करने के लिए सरकार कोई कदम नहीं उठा रही है। इसलिए जो भी उम्मीदवार 4 जी सेवा क्षेत्र में फिर से शुरू कराने के लिए सरकार पर दबाव बनाने का पक्का भरोसा देगा, अधिकतर युवा मतदाता उसी को ही वोट करेंगे। इसलिए मतदाताओं को खासकर युवा मतदाताओं का वोट हासिल करने के लिए कड़ी मशक्कत का सामना करना पड़ सकता है।