13 वर्ष से उद्घाटन के इंतजार में पुलिस चेक पोस्ट
संवाद सहयोगी, महानपुर : रिहालता मोड़ पर पुलिस हाउ¨सग कॉर्पोरेशन ने 20 लाख रुपये खर्च कर चेक पोस्ट का
संवाद सहयोगी, महानपुर : रिहालता मोड़ पर पुलिस हाउ¨सग कॉर्पोरेशन ने 20 लाख रुपये खर्च कर चेक पोस्ट का निर्माण कराया। वर्ष 2005 में बनी इस चेक पोस्ट का 13 वर्ष बीतने के बाद भी उद्घाटन नहीं हो सका। उद्घाटन न होने से अब चेक पोस्ट का विभागीय कार्य के लिए प्रयोग नहीं हो सका। चेक पोस्ट के लिए भवन का निर्माण करना और फिर उसका उद्घाटन न करना विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़ा करता है। अगर विभाग को भवन का प्रयोग ही नहीं करना था तो क्यों 20 लाख रुपये इसके निर्माण पर खर्च किए गए। विभाग इस राशि का प्रयोग हाईवे पर या अन्य स्थानों पर सुरक्षा व्यवस्था पर खर्च कर सकता था, लेकिन विभाग द्वारा भवन का निर्माण करके उसे बेसहारा छोड़ देना किसी भी सूरत में उचित नहीं है। भवन की बदहाली को देखते हुए पुलिस विभाग ने लाखों रुपये खर्च करके चार माह पूर्व इसकी मरम्मत कराना शुरू किया था, मगर उसको भी आधा अधूरा ही छोड़ दिया। मगर अभी भवन में चेक पोस्ट खोलने के लिए कोई पहल नहीं हो पाई। भवन का निर्माण तेरह वर्ष पूर्व किया गया था। उसके बाद इसकी हालत काफी बदहाल हो गई थी। पुलिस विभाग ने चार माह पूर्व दोबारा इसकी मरम्मत करवाई है। अब विभाग को जल्द इस इमारत को इस्तेमाल में लाना चाहिए, ताकि भवन का इस्तेमाल हो सके। अगर इसका इस्तेमाल नहीं होता है तो लाखों रुपये की सार्वजनिक संपत्ति खंडहर में बदल जाएगी।
-धरमेश शर्मा रिहालता मोड़ पर सुरक्षा के लिहाज को देखते हुए पुलिस चेक-पोस्ट का होना जरूरी है। इस मोड़ पर तीन प्रमुख क्षेत्रों बसोहली, कठुआ तथा बिलावर का मार्ग यहीं से डिवाइड होता है। अगर विभाग ने उक्त स्थान पर चेक पोस्ट स्थापित करने के उद्देश्य से भवन का निर्माण किया है उसका जनता की सुरक्षा के लिए प्रयोग भी किया जाना चाहिए।
-संजीव ¨सह विभाग ने लाखों रुपये खर्च कर चेक पोस्ट के लिए भवन बनाया। मगर अभी तक इसका इस्तेमाल ही नहीं हो पाया। अगर विभाग ने पैसा खर्च किया है तो अब इस भवन का उद्घाटन करके इस्तेमाल भी करना चाहिए। पुलिस ने इसकी मरम्मत करवाई हैं तो प्रयोग में भी लाए। मगर समझ नहीं आ रहा कि पैसे खर्च करके भी चेक पोस्ट खोलने में देरी क्यों हो रही है।
-राजू मेहरा भवन का निर्माण किस उद्देश्य से करवाया गया था, उसमें बारे में मुझे जानकारी नहीं है। इसके बारे में उच्चधिकारियों से बात की जाएगी, ताकि भवन को किसमें प्रयोग किया जाएगा, निर्णय लिया जा सके।
-सुनील ¨सह, एसडीपीओ बसोहली