जल संरक्षण के प्रति गंभीर नहीं पीएचई विभाग
पीएचई विभाग अभी तक जागरूक नहीं हुआ। क्षेत्र में पानी की जरूरत के लिए विभाग द्वारा विभिन्न गांवों में लगाए गेए दर्जनों डीप हैंडपंप का पानी कुदरती तौर पर व्यर्थ में वह रहा है
संवाद सहयोगी, हीरानगर : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जल संरक्षण संदेश से पंच-सरपंच तो जागरूक हो गए हैं। पंच-सरपंचों ने गांवों के नए प्लान में बारिश के पानी को उपयोग में लाने के लिए तलाब, छोटे चैनल बनाने की योजना बनाई है, लेकिन पीएचई विभाग पर पीएम के संदेश का कोई असर होता दिखाई नहीं दे रहा है। क्षेत्र में पानी की जरूरत के लिए विभाग द्वारा विभिन्न गांवों में लगाए गए ं डीप हैंडपंप का पानी कुदरती तौर पर व्यर्थ में बह रहा है, जिसे रोकने के लिए पीएचई विभाग कोई कदम नहीं उठा रहा है। अगर विभाग पंपों को पाइपों से जोड़ कर लोगों के घरों में कनेक्शन दे तो पानी की समस्या का समाधान हो जाएगा। साथ ही जल संरक्षण भी होगा।
जानकारी के अनुसार हीरानगर कस्बे के साथ लगते सरकरी गुडा, बनयाडी ,चंगी, मंडाला नौ चक, गयाल बंड, हरीपुर आदि गांवों में कई डीप हैंडपंप लगे हैं, जिनका पानी व्यर्थ में बहता रहता है, जिसे रोकने के लिए संबंधित विभाग कुछ भी नहीं कर रहा है। जनता की आवाज
कस्बे में जिन वार्डो में पीएचई की सप्लाई नहीं होती है, विभाग को डीप हैंडपंपों को पाइपों से जोड़ कर पानी उस मोहल्लों पर पहुंचाना चाहिए, ताकि उपयोग में लाया जा सके। ऐसा करने से पानी व्यर्थ में बहने से रोका जा सकता है।
-सुरेंद्र कुमार, वार्ड सदस्य सरकारी गुडा में डीप हैंडपंप का पानी नाले में बह रहा है। लोगों को पानी भरने के लिए तीन सौ मीटर दूर जाना पड़ता है। यही पानी घरों तक पहुंच जाए तो लोग पीने के साथ साथ सिचाई के लिए भी उपयोग में ला सकते हैं। पीएचई विभाग को इसके लिए सख्त कदम उठाने की जरूरत है।
-द्वारिका नाथ, पूर्व सरपंच
कस्बे में कुदरती तौर पर बह रहे डीप हैंडपंपों का पानी एक जगह जमा कर उसे वार्डो में सप्लाई किया जा सकता है। जब प्रधानमंत्री स्वयं जल संरक्षण के लिए आहवान कर रहे हैं तो सरकारी विभागों को भी इसके लिए आगे आना चाहिए।
-भारती शर्मा, पूर्व वाइस चेयरमैन
-----------------
पीएचई विभाग ने कस्बे में लगे डीप हैंडपंपों को पाइपों से जोड़ा है अन्य पंपों को भी जोड़ेंगे। गांवों में डीप हैंड पंप ग्राउंड वाटर डिपार्टमेंट ने लगाए हैं, उन्हें पाइपों से जोड़ने के लिए प्रपोजल बनाकर भेजेंगे।
गोपाल शर्मा, एईई, पीएचई विभाग हीरानगर