हाईवे पर दूसरे राज्यों की बसों के पीछे दौड़ रहे यात्री
दैनिक यात्री कठुआ रूट की नीजि बस सेवा से सफर करते हैं। इसमें सरकारी कर्मचारी विद्यार्थी एवं स्थानीय आसपास के लोग शामिल होते हैं। इस रूट पर करीब
जागरण संवाददाता,कठुआ : पठानकोट जम्मू हाईवे पर सरोर में स्थापित टोल प्लाजा के विरोध में ट्रांसपोर्टरों के चक्का जाम के कारण कठुआ-जम्मू रूट पर निजी बस सेवा में सफर करने वाले दैनिक यात्रियों की दिक्कतें दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही हैं। इसमें सरकारी कर्मचारी, विद्यार्थी एवं स्थानीय लोग शामिल होते हैं। इस रूट पर सैकड़ों गांवों और दर्जनों कस्बों के लोग हाईवे से सीधी पांच मिनट के अंतराल के बाद चलने वाली सेवा का लाभ लेते हैं, लेकिन हड़ताल के कारण अन्य रूट की बस सेवा के लिए यात्रियों को घंटों हाईवे पर इंतजार करना पड़ रहा है। इससे विद्यार्थियों की पढ़ाई प्रभावित होने के साथ ही कई कर्मचारी सरकारी कार्यालयों में समय पर नहीं पहुंच पा रहे हैं। सबसे अधिक आम लोगों को परेशानी हो रही है, जो अपने निजी कार्यो के लिए प्रतिदिन बस सुविधा का लाभ लेते हैं।
पांच दिन से जारी हड़ताल कब तक जारी रहेगी। इस बारे में कुछ भी कहना नहीं जा सकता है। क्योंकि बस यूनियन की टोल प्लाजा हटाने की मांग के आगे सरकार झुकने को तैयार नहीं है। वहीं, उधर यूनियन के महाप्रबंधक रश्पाल सिंह का कहना है कि इस टोल का सबसे ज्यादा असर उनकी बसों पर पड़ रहा है। क्योंकि प्रतिदिन उनकी बसें कई बार गुजरेगी, जिससे बार-बार उन्हें टोल देने से उनका व्यवसाय प्रभावित होगा। अन्य ट्रांसपोर्टरों को, जिन्हें हफ्ते, में या 15 दिन में एक बार गुजरना है,उनके लिए इतनी परेशानी नहीं है और न ही उन्हें इतना ज्यादा नुकसान होगा।
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कठुआ-जम्मू के बीच आज तक कोई भी सरकारी बस की सुविधा नहीं है। ऐसे में यात्रियों के आने जाने के लिए कठुआ रूट पर दौड़ने वाली निजी बस ही मुख्य सुविधा है। टोल प्लाजा के विरोध में ट्रांसपोर्टरों की हड़ताल के कारण कठुआ-जम्मू रूट पर निजी बसों के पहिये रुक गए हैं। इससे यात्रियों को अपने गंतव्य तक पहुंचने में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। इसलिए उनकी परेशानी भी हल होनी चाहिए।
- विशाल मंसोत्रा,
पांच दिन से हड़ताल जारी है। सरकार ने अभी तक इस रूट पर कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की है। जिससे उन्हें परेशानी हो रही है। मिनी बस सेवा सीधे जम्मू के लिए या सांबा तक भी नहीं चलती है। इसके कारण लंबे रूट पर चलने के लिए बाहरी राज्यों की बसों के पीछे दौड़ना पड़ रहा है। किसी चालक की मर्जी होगी तो बस रुकेगी, नहीं तो सड़क पर पर इंतजार करते रहो।
-प्रदीप सिंह
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हड़ताल के बावजूद सरकार ने सरकारी बसों के चालकों को लोगों की परेशानियों को देखते हुए उन्हें रोकने के लिए अभी तक बाध्य नहीं किया है। यही वजह है कि जम्मू कश्मीर की बसें स्थानीय यात्रियों को अभी सुविधा नहीं दे रही हैं। इससे पता चलता है कि सरकार लोगों को हो रही परेशानी के प्रति कितनी चितित है। -प्रेम चंद
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कठुआ-जम्मू के बीच हर पांच मिनट के अंतराल के बाद बस दौड़ती है। इससे लोगों को द्वार पर ही बस सेवा की कई दशकों से मिल रही है। अब हड़ताल के कारण हाईवे पर जाकर उन्हें बस सुविधा के लिए घंटों इंतजार करना पड़ रहा है। इससे वो अपने किसी भी गंतव्य तक समय पर नहीं पहुंच पा रहे हैं।
-नारायण देव शर्मा