पुलवामा घटना को लेकर अभी भी लोगों का गुस्सा थमा नहीं
जागरण संवाददाता, कठुआ : पुलवामा में हुई आतंकी घटना को लेकर कठुआ में लोगों का गुस्सा अभी भी नहीं थम र
जागरण संवाददाता, कठुआ : पुलवामा में हुई आतंकी घटना को लेकर कठुआ में लोगों का गुस्सा अभी भी नहीं थम रहा है। रविवार को शहर में विभिन्न संगठनों ने घटना को लेकर अपना रोष जताते हुए सरकार से इस तरह की घटना को अंजाम देने वालों पर सख्ती से निपटने की मांग की।
मुखर्जी चौक में युवाओं ने घटना के विरोध में पड़ोसी देश के खिलाफ जोरदार नारेबाजी करते हुए पाकिस्तान का पुतला जलाया। प्रदर्शन में शामिल अजय सिंह, उत्तम चंद, गौरव गुप्ता ने कहा कि लगातार दोस्ताना व्यवहार करने के बावजूद पाकिस्तान अपनी कायरतापूर्ण हरकत से बाज नहीं आ रहा है। उसकी भारत में अशांति फैलाने की नीति में फंसकर देश के कुछ युवा राष्ट्र को कमजोर करने के हर तरह के उसके कार्यक्रम को यहां अंजाम दे रहे हैं। ऐसे कृत्य के खिलाफ अब शांत नही रहा जा सकता है। उन्होंने देश की सुरक्षा और शांति बहाली के लिए अपने प्राणों की आहूति देने वाले जवानों को इंसाफ देने के लिए सरकार से गंभीर कदम उठाए जाने की मांग की। वहीं, कॉलेज रोड पर सर्व धर्म सेवा समिति के सदस्यों ने भी पाकिस्तान का झंडा जलाते हुए अपना रोष दर्ज करवाया। प्रदर्शनकारियों का नेतृत्व कर रहे कार्तिक शर्मा ने कहा कि इस आतंकी घटना से साफ हो गया है कि राज्य में पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित आतंकवाद बिना कडे़ कदम उठाए खत्म नहीं होने वाले हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र में मोदी सरकार के आने के बाद राज्य से आतंकवाद को खत्म करने के लिए सुरक्षाबलों द्वारा आपरेशन ऑल आउट शुरू किया गया है जिसके काफी संख्या में आतंकी मारे भी गए हैं लेकिन इस तरह की कार्रवाई के बावजूद राज्य में आतंक की घटनाएं नहीं रुक रही हैं। लिहाजा अब वक्त आ गया है कि सरकार इस आतंकवाद को आश्रय और बढ़ावा देने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करें ताकि राज्य में सक्रिय आतंकियों को नेस्तानाबूद कर दिया जाए और यहां रहने वाले लोग राहत की सांस ले सकें। जबकि आतंकी घटना में शहीद होने वाले जवानों की शहादत का बदला लिए जाने की मांग को लेकर डीसी कार्यालय के समक्ष शुरू हुई भूख हड़ताल दूसरे दिन भी जारी रही। भूख हड़ताल पर बैठे युवा आकाश दीप, अंकुश और विकास सिंह ने कहा कि जिस तरह से सीआरपीएफ के जवानों का निशाना बनाया गया है वह नाकाबिल-ए-बर्दाश्त हैं। इस घटना में जवानों की हुई शहादत का जब तक सरकार द्वारा बदला नहीं लिया जाता उनकी भूख-हड़ताल इसी तरह से जारी रहेगी।