आज भी पगडंडियों के सहारे गुजर कर रहे गोडल, जानु के बाशिंदे
संवाद सहयोगी बसोहली उप जिला बसोहली के काफी क्षेत्र की आबादी आज भी पगड़डियों के सहारे है। ऊ
संवाद सहयोगी, बसोहली : उप जिला बसोहली के काफी क्षेत्र की आबादी आज भी पगड़डियों के सहारे है। ऊबड़-खाबड़, ऊंची-नीची पगडंडियों पर पैदल चलकर रोजमर्रा की जरूरतें पूरी करते हैं। सड़क की सुविधा नहीं होने के कारण इस क्षेत्र के गांव विकास की राह में काफी पिछड़े हुए हैं।
उप जिला के धार महानपुर ब्लाक के गाव गोडल, पूंड ब्लाक के गाव जानु में यह हाल है कि कोई बीमार हो जाए तो सड़क के अभाव में उसे मीलों पालकी पर उठा कर ले जाना लोगों की मजबूरी है। गोडल गाव के सरपंच राजेंद्र सिंह, दीवान सिंह, प्रेम कुमार, देस राज एवं जानु के पूर्व सरपंच परमानंद, कुलदीप राज, खेम राज ने बताया कि गाव के लोगों के लिए सबसी बड़ी समस्या सड़क सुविधा न होना है। हमें आज के युग में मीलों पैदल पगड़डियों के सहारे चलना पड़ता है। कहीं पगडंडी से एक आदमी गुजर सकता है, कहीं रास्ता खुला होता है। लोगों को सबसे ज्यादा परेशानी बरसात में होती है जब नदी-नाले उफान पर होते हैं। उस समय घर तक पहुंचना चुनौती बन जाता है। बरसात में कई बार नाले का पानी के कम होने का घंटों इंतजार करना पड़ता है। कर्मचारी दूसरी जगह करा लेते हैं तबादला
ग्रामीणों का कहना है कि सड़क के कारण ही गावों में विकास भी इसी कारण रुका है। सड़क न होने के कारण कोई भी कर्मचारी एवं अधिकारी गाव की ओर रुख करना पसंद नहीं करता। कई बार ऐसा भी होता है कि गाव में किसी कर्मचारी का तबादला होता है तो वह उच्च अधिकारियों से मिलकर अपना तबादला कहीं और करवा लेता है। गाव में विकास योजनाओं का सामान पहुंचाना भी के लोगों के लिए मुश्किल का सबब है। बिजली के खंभे, ट्रासफार्मर, पानी की पाइपें, कृषि विभाग का खाद और बीज पहुंचाने में लोगों को अपनी जान जोखिम में डालनी पड़ती है। जानू और गोडल दोनों ही गावों की आबादी हजार से ऊपर है, लेकिन सड़क सुविधा नहीं मिल पा रही है। उन्होंने बताया कि सरकारें बदली, नुमाइंदे बदले मगर हमारे गावों में विकास की मुख्य रेखा सड़क सुविधा नहीं पहुंच पाई। हम आज भी मीलों पैदल चलने को मजबूर हैं। ग्रामीणों ने गाव में सड़क सुविधा प्रदान करने की उप राज्यपाल मनोज सिन्हा से गुहार लगाई है।