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श्राइन बोर्ड बनने के सात वर्षो बाद भी माता सुकराला देवी मास्टर प्लान ठंडे बस्ते में

करुण शर्मा बिलावर माता सुकराला देवी मंदिर की कार्य व्यवस्था का बेहतर ढंग से संचालन करने के लि

By JagranEdited By: Published: Fri, 23 Oct 2020 06:45 AM (IST)Updated: Fri, 23 Oct 2020 06:45 AM (IST)
श्राइन बोर्ड बनने के सात वर्षो बाद भी माता सुकराला देवी मास्टर प्लान ठंडे बस्ते में
श्राइन बोर्ड बनने के सात वर्षो बाद भी माता सुकराला देवी मास्टर प्लान ठंडे बस्ते में

करुण शर्मा, बिलावर: माता सुकराला देवी मंदिर की कार्य व्यवस्था का बेहतर ढंग से संचालन करने के लिए 11 नवंबर 2013 को श्री माता सुकराला देवी श्राइन बोर्ड का गठन करने के बाद बोर्ड के हवाले कर दी गई थी, लेकिन गठन के सात वर्षो बाद भी श्राइन बोर्ड अपने लक्ष्य से कोसों दूर है।

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आलम यह है कि सात वर्षो में एक भी विकास से संबंधित योजना शुरू नहीं कर पाया है। इसके कारण श्री माता सुकराला देवी श्राइन बोर्ड की लचर कार्यप्रणाली के चलते माता के दरबार में आने वाले श्रद्धालु आज भी बदहाल व्यवस्था के शिकार हो रहे हैं और श्रद्धालुओं को बोर्ड के गठन के बाद भी मायूसी ही हाथ लगी। बोर्ड का काम भवन में चढ़ने वाले चढ़ावे के रूप में पैसे को उठाकर सिर्फ बैंक में जमा करवाने तक ही सीमित रह गया है।

11 नवंबर 2013 को श्री सुकराला देवी श्राइन बोर्ड ने विधिवत तरीके से मंदिर में हवन कर अपने हाथों में लिया था, तत्कालीन मंडलायुक्त जम्मू शात मनु मंदिर की कार्य व्यवस्था को अपने हाथों में लेने के लिए हवन में भी पहुंचे थे। श्राइन बोर्ड ने तब जितनी चुस्ती मंदिर की व्यवस्था को अपने हाथों में लेने के लिए दिखाई थी, उतनी स्फूर्ति माता सुकराला देवी के दरबार में आने वाले श्रद्धालुओं को सुविधाएं देने के लिए दिखाई देती नहीं दी। आज सात सालों में माता सुकराला देवी श्राइन का कायाकल्प ही कुछ और होता।

अगर माता सुकराला देवी के दरबार में जाने वाले श्रद्धालुओं की बात की जाए तो असुविधाओं की भरमार है, माता के भवन में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए रहने के लिए कोई भी व्यवस्था तक नहीं है। पाìकग व्यवस्था न होने के कारण मा के दरबार में पहुंचने वाले श्रद्धालु असुरक्षित तरीके से अपनी गाड़ियों को सड़क किनारे ही पार्क करते हैं। माता के दरबार में बिजली की भी कोई विशेष व्यवस्था तक नहीं है। जब कभी भी बिलावर से बिजली गुल हो जाती है तो माता सुकराला देवी के भवन में अंधेरा छा जाता है। पानी की भी कोई उचित व्यवस्था नहीं है, श्रद्धालुओं के लिए विशेष स्नान गृह तक नहीं है। माता सुकराला देवी को जाने वाली सड़क का विस्तारीकरण का काम वर्षो से अधर में है। जो माता के दरबार में आने वाले भक्तों के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है।

सुकराला देवी के नायब सरपंच एवं बारीदार एसोसिएशन के अध्यक्ष सतीश शर्मा, पंच अमन शर्मा, सुशील उपाध्याय, राकेश उपाध्याय, मोहनलाल उपाध्याय आदि ने बताया कि सरकार ने श्राइन बोर्ड का गठन तो किया, लेकिन बोर्ड के गठन के बाद व्यवस्था में सुधार आने के बजाय व्यवस्था और ज्यादा खराब हुई है। श्राइन बोर्ड की एक भी योजना पिछले सात सालों में शुरू नहीं हुई उल्टा जो काम होने थे वह भी रुक गए। माता सुकराला देवी के लिए बना मास्टर प्लान ठंडे बस्ते डाल दिया गया है। बहरहाल, बताया जाता है कि माता सुकराला देवी के बारीदारों द्वारा हाईकोर्ट से जमीन, पैसा और एंप्लॉयमेंट पर लिया गया स्टे के कारण भी विकास कार्य शुरू करवाने में प्रशासन को दिक्कत आ रही है। कोट्स---

कोर्ट में स्टे के चलते बोर्ड जमीन अधिग्रहण, पैसा और एंप्लॉयमेंट को लेकर कोई भी योजना नहीं चला सकता। इसके चलते बोर्ड की एक भी योजना जमीनी स्तर पर लागू करवाने में कोर्ट स्टे आडे़ आ रहा है। फिर भी व्यवस्था चलाने के लिए जो कुछ संभव हो पाता है बोर्ड द्वारा वह सब प्रयास किए जा रहे हैं।

- संदेश कुमार शर्मा, कार्यकारी अधिकारी।


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