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हर वर्ष बरसात में कई माह बंद रहता है लिंक मार्ग

संवाद सहयोगी, बसोहली : बचपन में सभी ने चींटी की उस कहानी को सुना और पढ़ा होगा जिसमें वह बरसात से पूर

By JagranEdited By: Published: Wed, 20 Jun 2018 07:39 PM (IST)Updated: Wed, 20 Jun 2018 07:39 PM (IST)
हर वर्ष बरसात में कई माह बंद रहता है लिंक मार्ग
हर वर्ष बरसात में कई माह बंद रहता है लिंक मार्ग

संवाद सहयोगी, बसोहली : बचपन में सभी ने चींटी की उस कहानी को सुना और पढ़ा होगा जिसमें वह बरसात से पूर्व राशन इकट्ठा करती थी। वहीं कहानी आज भी बसोहली विधानसभा के कई गांवों पर चिरतार्थ बैठती है यहां आज भी बरसात से पूर्व जरूरी सामान इकट्ठा कर रखना पड़ता है। जिसका मुख्य कारण है कि हर वर्ष यह गांव देश दुनिया से सड़क से कट जाता हैं और लोगों को हर वर्ष कई प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। देश के नेता अभिनेता या अधिकारी चाहे विकास के लाख दावे करे मगर हकीकत उससे परे है। बसोहली विधानसभा क्षेत्र आज भी विकास के दावों से परे है जिसकी हकीकत है कि आज भी पहाड़ी लोग 100 वर्ष पुरानी उस परपरा पर ही चल रहे है कि बरसात से पहले जितना भी हो सके चींटी की तरह राशन इकट्ठा कर लिया जाए ताकि गांव का देश दुनिया से मार्ग के कटने पर मुश्किल न हो। कुछ ऐसा हाल है मॉडल विलेज और राज्य पर्यटन विभाग द्वारा घोषित गांव धार महानपुर, सिम्मनी, धार कोहर, परसोता, खोलियां तलाइयां, समुंध, ठेरू डाबी, नक्की, गोडल, नगाली, कुंड, त्योता, मजानु और उसके आसपास के दर्जनों गांवों का। पूर्व सरपंच सदानन्द का कहना है कि हर साल बरसात में कटा रहना और बरसात से पहले जरूरी रोजाना उपयोगी वस्तुओं का इकट्ठा करना हमारी आदत बन चुकी है। 1968 में गांव धारमहानपुर के लिए मार्ग बनने का काम चला और आज तक कोई भी सरकार हमारे गांव में सड़क नहीं बना पाई। राशन तो आदमी इकट्ठा कर लेगा मगर बरसात में जब किसी को सांप अथवा बिच्छु काट ले तो हमें पालकी लेकर बसोहली 27 किलोमीटर आना पड़ता है। कई बीमार तो रास्ते में दम तोड़ते देखे है। यही हाल हट्ट माश्का, सलोआ, खजूरा, दलोआ, नालनी आदी गांवों का है। गांव के लोगों का कहना है कि बरसात में 20 किलोमीटर सड़क बंद रहती है जिस कारण इन दिनों बसों के माध्यम से लगभग चार माह का सामान इकट्ठा करना पड़ता है। बेशक सड़क को पक्का करने का कार्य एनएचपीसी द्वारा शुरू करवा दिया गया है मगर लोगों को पहली बरसात पर यकीन नहीं की यह सड़क खुली रहेगी या फिर बंद हो जाएगी। हट्ट माश्का में दो-दो जल विद्युत परियोजनाएं मगर सड़क का बंद रहना सरकार के विकास कायरें के दावों की पोल खोलती है। यही मुख्य कारण है कि हमारे गांवों में अधिकारी एवं कर्मचारी नौकरी का आर्डर लेने से पहले ही कहीं और तबादला कराने में प्राथमिकता देते है। वहीं यही हाल दूरदराज के गांव सियालग, गोडल नगाली एवं अन्य उन दर्जनों गांवों का है जिनका बरसात से यातायात संपर्क कट जाता है। स्थानीय लोगों ने तहसील प्रशासन से बरसात में सड़क को चालू रखने की मांग की है।

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प्रशासन ख्याल रखेगा कोई भी सड़क बंद न हो

लोगों की सुविधाओं को लेकर एडीसी संजय गुप्ता का कहना है कि प्रशासन पूरा ख्याल रखेगा। कोई भी सड़क बंद न हो इसके लिए सभी विभागों को निर्देश दिए जा रहे हैं।


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