मंडी में 50 किलो पर 700 ग्राम कम तौल रहा था ठेकेदार, लगाया जुर्माना
जागरण संवाददाता कठुआ किसानों को उनकी उपज का वाजिब मूल्य देने के लिए जिला मुख्यालय पर
जागरण संवाददाता, कठुआ : किसानों को उनकी उपज का वाजिब मूल्य देने के लिए जिला मुख्यालय पर भागथली में खोली गई सरकारी मंडी में गेहूं की खरीद में धोखाधड़ी का मामला सामने आया है। मंडी में एफसीआइ (भारतीय खाद्य निगम) के ठेकेदार द्वारा लगाए गए कांटे में गड़बड़ी पाई गई। कांटा कम वजन की रीडिंग देता था। इससे किसानों को 50 किलोग्राम गेहूं बेचने पर 700 ग्राम कम ही दर्ज हो रहा था। एक किसान द्वारा पुलिस थाने में दर्ज कराई गई शिकायत पर कार्रवाई करते हुए लीगल मीट्रोलाजी विभाग ने ठेकेदार से 50 हजार रुपये का जुर्माना वसूला। साथ ही ठेकेदार को शिकायतकर्ता से कम वजन में खरीदे गए गेहूं की भरपाई करने के आदेश जारी किए हैं। अपनी तरह का यह पहला मामला शहर के वार्ड नंबर 12 भागथली में अक्टूुबर से खोली गई सरकारी मंडी पर आया है। लीगल मीट्रोलाजी विभाग के जिला अधिकारी कुलदीप राज ने बताया कि कि स्थानीय किसान ने बीते 11 जनवरी को गणेश पैडी प्रोक्योरमेंट ठेकेदार राजन गुप्ता द्वारा वहां गेहूं के वजन के लिए लगाए गए कांटे में कम वजन की रीडिग होने की शिकायत थाने में की थी। इसके आधार पर पुलिस ने उन्हें कार्रवाई करने के लिए लिखा।
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अक्टूबर से ही खरीद कर रहा था ठेकेदार
भागथली की इस सरकारी मंडी पर अक्टूबर से किसानों से गेहूं की खरीद की जा रही है। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या इससे पहले भी खरीदे गए गेहूं का भी कम वजन बताया जा रहा था। एक किसान की शिकायत पर कार्रवाई हुई है। मंडी में करीब 1027 हजार किसानों से 62404 क्विंटल गेहूं खरीदा जा चुका है, तो क्या उनसे भी कम वजन में गेहूं खरीदा गया। यदि खरीदा गया तो उनकी जांच होगी और जांच में धोखाधड़ी के मामले पर उनको भी भरपाई होगी। इस मामले के बाद अब ये बड़ा सवाल है? बता दें कि जिले में सरकारी मंडियां खुलने के बाद भी एफसीआइ खरीद के लिए निजी ठेकेदार को आगे करता है। ठेकेदार ही खरीद कर एफसीआइ को देता है। इसी के चलते जिले में इस सीजन में करीब 3 हजार किसानों से कुल 8 मंडियों में 2.50 लाख क्विंटल गेहूं खरीदा गया है। दूसरी मंडियों में भी निजी ठेकेदारों से ही एफसीआइ खरीदता है।
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सरकारी मंडी में खत्म हो बिचौलियों की भूमिका
राष्ट्रीय किसान संगठन के अध्यक्ष शिवदेव सिंह ने कहा कि सरकारी मंडियों में भी खरीद के लिए वहां एफसीआइ ने बिचौलिये बैठा रखे हैं जो निजी ठेकेदार बनकर किसानों से सीधे उपज खरीदते हैं और मनमर्जी करते हैं। जैसे कठुआ की मंडी में ये मामला आया है। एक तरफ सरकार हर साल किसानों से उनकी उपज का सही मूल्य देने के लिए ऐसी सरकारी मंडियां खोलने का दावा करती है ताकि उन्हें निजी व्यापारियों के शोषण से बचाया जा सके, लेकिन ऐसे में सरकारी मंडियां खोलने पर भी बिचौलिये के रूप में निजी ठेकेदारों से खरीद एफसीआइ करता है, जो किसानों को चूना लगा रहा है। एफसीआइ को ही किसानों से उपज खरीदनी चाहिए और समय पर उसका भुगतान करना चाहिए। अभी भी कई किसानों को दो माह से उपज के पैसे नहीं मिले हैं। वजन आदि की जिम्मेदारी एफसीआइ की
सरकारी मंडियां खुलवाने में कृषि विभाग की भूमिका रहती है। उनके विभाग का काम किसानों को सुविधाएं देने के लिए एफसीआइ को उचित स्थान पर जगह उपलब्ध कराना रहता है। वहां पर खरीद प्रक्रिया और वजन आदि की जिम्मेदारी एफसीआइ की रहती है। यदि वहां पर भी ऐसी गड़बड़ी है तो ये पूरी तरह से गलत है।
-विजय उपाध्याय, जिला मुख्य कृषि अधिकारी, कठुआ