तेंदुए के आतंक का ग्रास बने 15 मवेशी व जानवर
संवाद सहयोगी, बसोहली : उपमंडल बसोहली के दूरदराज के गांव सियालग में इन दिनों तेंदुए का आतंक बना हुआ ह
संवाद सहयोगी, बसोहली : उपमंडल बसोहली के दूरदराज के गांव सियालग में इन दिनों तेंदुए का आतंक बना हुआ है। उसने 15 मवेशियों को अपना शिकार बनाया है।
स्थानीय लोगों द्वारा जंगलों में भेजे जा रहे माल मवेशियों का शाम को वापिस आना संभव नहीं रहा है। जिसका मुख्य कारण गांव के साथ लगते जंगलों में तेंदुए के आने से लोग सहम गए है। गांव के पूर्व सरपंच कांशी राम, संजू राम आदि ने बताया कि पिछले 15 दिनों से तेंदुआ हमारे गांव के आसपास के जंगलों में घूम रहा है। जंगलों में घास चरने वाले जानवरों को तेंदुआ अपना ग्रास बना रहा है। पूर्व सरपंच ने बताया कि दो गाय और तीन गाय के बछड़े, छह बकरियां और चार कुत्तों को तेंदुआ अपना शिकार बना चुका हैं। उनका कहना है कि रात के समय तेंदुआ घरों में आकर लोगों के बांधे हुए कुत्तों को अपना ग्रास बना रहा है। लेकिन लोग कुछ भी नहीं कर पा रहे हैं। सुबह छोटे-छोटे बच्चों को अकेले स्कूल भेजने से डर लगना शुरू हो गया है। जंगलों के रास्ते से आना-जाना मुश्किल हो गया है। रात के समय शौच के लिए बाहर आना मुश्किल हो गया है। पिछले 15 दिनों में 15 माल मवेशी इस तेंदुए का शिकार हो चुके हैं। आखिर कब तक यह सिलसिला चलता रहेगा। स्थानीय लोगों ने प्रभावितों को सरकार की और से मुआवजा देने की मांग की है। गौरतलब है कि पहाड़ी लोग गाय, बैंस को पाल कर उनका दूध बेच कर अपनी रोजी रोटी चलाना उनका व्यवसाय है। मगर इतनी कीमती जानवरों की मौत हो जाने से रोजी रोटी कमाना मुश्किल हो गया है।