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ईद के चलते लखनपुर में रोके लंगर सेवक

- बाबा बर्फानी के भक्तों को फ्री लंगर सेवा देने वाले सेवकों को भीषण गर्मी में खुले में करना पड़ रहा ह

By JagranEdited By: Published: Thu, 14 Jun 2018 09:01 PM (IST)Updated: Thu, 14 Jun 2018 09:01 PM (IST)
ईद के चलते लखनपुर में रोके लंगर सेवक

- बाबा बर्फानी के भक्तों को फ्री लंगर सेवा देने वाले सेवकों को भीषण गर्मी में खुले में करना पड़ रहा है इंतजार

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अगर अभी माहौल खराब है तो आगे की क्या गारंटी

- जिला प्रशासन नहीं दे रहा लंगर सेवकों को कोई सुविधा

फोटो सहित-7,8,9

जागरण संवाददाता, कठुआ : राज्य में वार्षिक श्री अमरनाथ यात्रा को लेकर इस बार गत वषरें की अपेक्षा उत्साह कम दिख रहा है, राज्य में बने हालात के कारण भी इससे जोड़ कर देखा जा रहा है। वहीं यात्रा के शुरू होने से करीब एक माह पहले लंगर सेवकों के राशन आदि सामान लेकर आने वाले वाहनों की भी इस बार कमी देखी जा रही है। अभी तक जो लंगर सेवक आ भी रहे हैं, उन्हें भी ईद के चलते फिलहाल रोक लिया गया है। जिन्हें भीषण गर्मी के चलते लखनपुर में बीच सड़क में ही अपना डेरा लगाना पड़ रहा है। विगत 12 जून से लखनपुर में रुके लंगर सेवकों को जिला प्रशासन द्वारा कहीं भी उचित स्थान पर ठहराने की व्यवस्था नहीं है। जबकि उन्हें राज्य में सुरक्षा के मद्देनजर ईद संपन्न होने तक वहां ही रुकना पड़ेगा। जब कि जिला प्रशासन विगत एक माह से श्री अमरनाथ यात्रा प्रबंधों को लेकर व्यवस्था की तैयारियां कर रहा है, लेकिन श्रद्धालुओं को नि:शुल्क लंगर सेवा देने वाले लंगर संचालकों को प्रशासन की ओर से कोई सुविधा राज्य के प्रवेश द्वार पर नहीं दी जा रही है, जबकि लखनपुर में सेल्स टैक्स सहित कई सरकारी इमारतें खाली पड़ी हैं, जहां पर उन्हें ठहराया जा सकता है। इस समय लखनपुर में करनाल से चार, मानसा की मुरादाबाद से पांच लंगर का राशन व अन्य सामान से भरे ट्रक इस समय रुके हैं, यानि राज्य में ईद शांतिपूर्वक संपन्न हो और वो अपने तय लंगर स्थल के लिए यात्रा मार्ग की ओर बढ़ सके।

लंगर सेवक सूरज त्रिवेदी, विमल कुमार ने बताया कि पवित्र श्री अमरनाथ यात्रा मार्ग पर हर साल लंगर लगाने जाते हैं, लेकिन इस बार सुरक्षा के नाम पर माहौल को प्रशासन ज्यादा ही संवेदनशील बना रहा है। इसके चलते उन्हें तीन दिन तक राज्य के प्रवेश द्वार पर ही रुकना पड़ रहा है। बाबा बर्फानी के भक्तों के लिए राजपुरा पंजाब से 19वां लंगर लगाने जा रहे लंगर सेवकों ने कहा कि लगता है कि राज्य में सुरक्षा नाम की कोई चीज नहीं है।

अगर ईद पर अधिकारी माहौल बिगड़ने की आशंका जताकर उन्हें प्रवेश करने से अभी मना कर रहे हैं तो फिर यात्रा को लेकर सुरक्षा प्रबंध कैसे हैं? इसका साफ मतलब है कि सरकार खुद माहौल बिगड़ने की आशंका जता रही है तो श्रद्धालुओं में सुरक्षा की भावना कैसी पैदा की जाएगी। अगर अभी माहौल खराब है तो आगे की क्या गारंटी हैं। सरकार को वार्षिक यात्रा के दौरान कम से कम सुरक्षा सुनिश्चित होनी चाहिए

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खुले में बैठे लंगर सेवकों को भी प्रशासन दे सुविधा

कठुआ : जिला कठुआ के वरिष्ठ एडवोकेट सुशील गुप्ता ने लखनपुर में सुरक्षा कारणों से रोके गए लंगर सेवकों को जिला प्रशासन द्वारा कोई सुविधा न देने पर कड़ी निंदा की है और कहा कि अपनी जान की परवाह किए बिना बाबा के भक्तों को नि:शुल्क लंगर सेवा देने वालों को अगर प्रशासन सुविधा नहीं दे पा रहा है तो श्रद्धालुओं की क्या गारंटी हैं। प्रशासन को श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए व्यवहारिक रूप से प्रयास करने चाहिए। लखनपुर में कई सरकारी इमारतें बेकार पड़ी हैं, जहां उन्हें किसी भी स्थिति में ठहराया जा सकता है।


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