प्रवेशद्वार पर बहुकरोड़ी इमारत पड़ी लावारिस, किसी का भी नहीं ध्यान
पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए लंबित परियोजनाओं को आगे बढ़ाने के लिए प्रयास आगे बढ़ते नहीं दिख रहे हैं। आलम ये है कि जिला में प्रदेश के मुख्य प्रवेश द्वार पर कई सालों से करोड़ों की बन कर तैयार इमारतों को पर्यटकों के इस्तेमाल के लिए कोई भी कदम नहीं बढ़ाए जा रहे हैं। जिससे वहां नई बनकर तैयार इमारतें अब खरा
जागरण संवाददाता, कठुआ: सरकार द्वारा जिले में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए लंबित परियोजनाओं को आगे बढ़ाने के लिए किए जा रहे प्रयास आगे बढ़ते नहीं दिख रहे हैं। आलम यह है कि जिले में प्रदेश के मुख्य प्रवेश द्वार पर कई सालों से करोड़ों रुपये से बनकर तैयार इमारतों को पर्यटकों के इस्तेमाल के लिए कोई भी कदम नहीं बढ़ाए जा रहे हैं। इससे वहां नई बनकर तैयार इमारत अब खराब भी होने लगी हैं।
इन इमारतों पर करीब पांच करोड़ रुपये खर्च करके अब लावारिस छोड़ दिया गया है, जबकि मुख्य प्रवेश द्वार इन इमारतों को आउटसोर्सिंग कर पर्यटकों को सुविधा देने के साथ-साथ-उन्हें आकर्षित भी किया जा सकता है, लेकिन पर्यटन विभाग के उदासीनता के चलते करीब 3 सालों से इतारतें तैयार करके बेकार कर दी गई हैं। इससे सरकारी धन को नुकसान भी हो रहा है, क्योंकि अब आउटसोर्स करने से पहले तैयारियों पर फिर खर्चा होगा। जबकि इस मुख्य प्रवेश द्वार पर टोल प्लाजा हटने के बाद वहां पर प्रभावित हुए लोग लखनपुर में कोई सरकारी कार्यालय खोल कर वहां किसी तरह की रौनक शुरू करने की मांग लगातार करते आ रहे हैं।
सरकार अगर इसी को भी मद्देनजर रखते हुए वहां पर्यटन विभाग की इमारतों का पर्यटकों के लिए आउटसोर्स करं रोजगार के अवसर जुटा सकती है, लेकिन ऐसा नहीं किया जा रहा है। करोड़ों खर्च करने के बाद भी मुख्य प्रवेश द्वार पर पर्यटकों को वहां कोई सुविधा नहीं दी जा रही है, जबकि सरकार ने मुख्य प्रवेश द्वार को खूबसूरत बनने के साथ-साथ पहले पड़ाव पर ही पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए उक्त इमारतों का निर्माण किया था।
अभी हाल ही केंद्रीय मंत्रियों ने कठुआ जिले के दौरे के दौरान बार-बार जहां पर्यटन की आपार संभावनाएं जताई और इसे बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार की ओर से हर संभव प्रयास करने की वचनबद्धता भी दोहराई। ऐसे में अगर पर्यटन विभाग और नई योजना या फंडों की मंजूरी करने का इंतजार करने की बजाय, यहां पहले करोंड़ों खर्च किए गए हैं,उनका पहले उपयोग कर सरकार धन को सदुपयोग करें और इस दिशा में पहल करें। इमारत के साथ लाखों रुपये खर्च कर शौचालयों का निर्माण भी किया गया है, जो बनने के बाद से ही बंद पड़ा है।
बहरहाल, जिले में पर्यटन विभाग की लखनपुर सरथल डेवलपमेंट अथारिटी के सीईओ का पद विगत दो साल तक रिक्त रहा, अभी गत सप्ताह ही इस पद पर सीईओ की नियुक्ति हुई है। इससे साफ अनुमान लगाया जा सकता है कि सरकार जिले में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कितना गंभीर है। कोट्स---बाक्स--
लखनपुर में विभाग की एक इमारत का निर्माण अभी चल रहा है,अभी उसकी पेमेंट भी नहीं हुई है। थोड़ा काम बाकी है। इसके अलावा जो दूसरी इमारत बन कर पूरी तरह से तैयार है। उसे आउटसोर्स करने की तैयारी है, अगर नहीं हुई है तो फिर इसके लिए निर्देश जारी किए जाएंगे।
- दिपिका कुमारी शर्मा, निदेशक, पर्यटन विभाग, कठुआ।