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यातायात पुलिस नहीं है सक्रिय, तहसीलदार के जिम्मे कार्य

सुन्निद्र कौर जिला के रेवेन्यू विभाग में एकमात्र महिला तहसीलदार है। जो पिछले एक साल से ज्यादा समय से नगरी में बतौर तहसीलदार काम कर रही है। उसे नगरी तहसील की पहली महिला तहसीलदार होने का गौरव प्राप्त हुआ है। सबसे अहम इसी तहसील में वो बीडीओ का कार्यभार भी ढाई साल तक संभाल चुकी है यानि पिछले साढे़ तीन साल से सुन्निद्र कौर नगरी

By JagranEdited By: Published: Mon, 14 Oct 2019 12:50 AM (IST)Updated: Mon, 14 Oct 2019 06:16 AM (IST)
यातायात पुलिस नहीं है सक्रिय, तहसीलदार के जिम्मे कार्य
यातायात पुलिस नहीं है सक्रिय, तहसीलदार के जिम्मे कार्य

सुन्निद्र कौर जिले के रेवन्यू विभाग में एकमात्र महिला तहसीलदार है जो पिछले एक साल से ज्यादा समय से नगरी में बतौर तहसीलदार काम कर रही है। उसे नगरी तहसील की पहली महिला तहसीलदार होने का गौरव प्राप्त है। सबसे अहम बात यह है कि इसी तहसील में वे बीडीओ का कार्यभार भी ढाई साल तक संभाल चुकी है, यानि पिछले साढे़ तीन साल से सुन्निद्र कौर नगरी में ही सरकार को अधिकारी के रूप में बेहतर सेवाएं दे रही है। इतने लंबे समय से नगरी में तैनात सुन्निद्र कौर को अब इस क्षेत्र की आकृति का पूरा ज्ञान हो चुका है। शायद यही कारण है कि सरकार उसकी इतने लंबे से नगरी में ही सेवाएं ले रही है। मूल रूप से कश्मीर के अनंतनाग की निवासी सुन्निद्र कौर उर्दू भाषा का पूरा ज्ञान रखती है। इसके चलते उसे तहसीलदार का पद संभालते समय कोई परेशानी नहीं हुई अन्यथा अन्य अधिकारियों को रेवन्यू में तैनात होने पर उर्दू सीखना पड़ता है, लेकिन उसने केएएस करने से पहले ही स्कूल में उर्दू पढ़ा था। वे तहसीलदार के पद पर होते हुए किस तरह से जिला प्रशासन को अन्य कार्याें में सहयोग करती है, उसकी बतौर तहसीलदार कैसा प्रदर्शन है, इन सब मुद्दों पर दैनिक जागरण के जिला के उप मुख्य संवाददाता राकेश शर्मा ने नगरी की तहसीलदार सुन्निद्र कौर से विशेष बातचीत की। उनसे हुई बातचीत के मुख्य अंश-- -आप जिले में इस समय रेवन्यू विभाग में मात्र एक महिला तहसीलदार है, इससे पहले आप बीडीओ के पद पर भी नगरी में ही तैनात रही, ऐसे में पहली बार रेवन्यू विभाग का काम संभालने में दिक्कतें आई होंगी ? नहीं, बीडीओ से अचानक पहली बार रेवन्यू का काम मिलने पर कोई दिक्कत नहीं आई, हालांकि रेवन्यू सारा यानि 70 फीसद उर्दू में होता है, उर्दू का पहले ही ज्ञान था, जिससे केएएस होते हुए भी उसे उर्दू का पूरा ज्ञान था, इसीलिए पहली बार रेवन्यू का काम मिलने पर भी कोई मुश्किल नहीं आई। नगरी तहसील में किस तरह के कार्य रोज लोग कराने के लिए आते हैं ?

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नगरी पंजाब से सटा होने के कारण कृषि उपजाऊ क्षेत्र है। इसके चलते यहां पर सबसे ज्यादा मामले भूमि से संबंधित होते हैं और लोग भी अपनी जमीन के प्रति पूरी तरह से सतर्क रहते हैं, यानि जमीन का रिकार्ड बनाने और जानने के लिए सबसे ज्यादा ध्यान रखते हैं, इसी से संबधित ज्यादा काम कराने आते हैं। इसके अलावा इस तहसील में वेस्ट पाक रिफ्यूजियों की सबसे ज्यादा संख्या है। जिनके भूमि संबंधी सबसे ज्यादा मामले होते हैं।

-अपने भी अन्य क्षेत्रों की तरह अतिक्रमण के खिलाफ अभियान चलाकर सरकारी भूमि खाली कराई है?

पूरे जिले में सबसे ज्यादा नगरी में सरकारी भूमि अतिक्रमण से खाली कराई गई है। तहसील नगरी में कुल 1100 कनाल सरकारी भूमि है, जिसमें से 240 कनाल खाली कराई गई है। इसके अलावा पुराने जलाशयों, कुओं एवं बावलियों आदि पर हुए कब्जे भी हटाए गए। सबसे ज्यादा जमाबंदी नगरी तहसील में लिखी गई हैं। कुल 28 जमाबंदी से 18 लिख दी गई है। रेवन्यू में ये काम बहुत महत्वपूर्ण होता है। अब तो आपके पास मोटर वाहन एक्ट के तहत यातायात नियमों की उल्लंघना करने वालों पर कार्रवाई करने की नई जिम्मेदारी मिली है,उसमें अभी तक कितनी कार्रवाई हुई है ? - नगरी में अभी यातायात नियमों की उल्लंघना करने पर कार्रवाई का जिम्मा संभालते हुए 30 हजार का जुर्माना वसूला है, इस जिम्मेदारी को वो रेगुलर देख रही है, क्योंकि नगरी में यातायात पुलिस ज्यादा सक्रिय नहीं होती है। इसी के चलते ये काम भी उनके जिम्मे आ गया है। -क्या ये सही है कि जिला प्रशासन आपकी सक्रियता को देखते हुए नगरी में तैनाती के दौरान जिला मुख्यालय पर भी कई कार्यो में सेवाएं लेता है ?

- जिला प्रशासन के निर्देश पर उन्हें आपदा प्रबंधन की रूपरेखा तैयार करने एवं लोकसभा चुनाव के दौरान मतदाताओं को जागरूक करने से जुड़े स्वीप कार्यक्रम की नोडल अधिकारी के रूप में सेवाएं भी दी हैं, चुनाव में चार बार उनकी ड्यूटी जोनल मजिस्ट्रेट के तौर पर लग चुकी है। -आप कश्मीर के एक संवेदनशील जिले अनंतनाग से हो, ऐसे में आपका कठुआ जिले में क्या अनुभव रहा और कैसा लगा ? बहुत ही अच्छा लगा, मुझे ड्यूटी करते हुए कुछ भी ऐसा नहीं लगा है,जिससे उन्हें कोई परेशानी आई हो, हालांकि अचानक दूसरे क्षेत्र में या कहीं भी ड्यूटी आदेश हो, वहां जाना अधिकारी का पहला दायित्व है,लेकिन उन्हें कुछ भी नया नहीं लगा, जहां के लोगों और प्रशासन के सहयोग से उन्हें पहली बार तैनाती से अपनी सेवाकाल का सबसे अच्छा अनुभव हासिल किया है।


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