शहर के बीचो बीच ही फेंका जा रहा है कचरा
जागरण संवाददाता कठुआ केंद्र सरकार की स्वच्छता अभियान कठुआ शहर में दम तोड़ती नजर आ रही ह
जागरण संवाददाता, कठुआ: केंद्र सरकार की स्वच्छता अभियान कठुआ शहर में दम तोड़ती नजर आ रही है। इस अभियान को कोई और नहीं, बल्कि नगर परिषद के कर्मी ही सरेआम धज्जियां उड़ा रहे हैं। आलम यह है कि पांच साल पहले जहां शहर से कचरा उठाकर वाहनों द्वारा दो किलोमीटर दूर रावी दरिया के किनारे फेंका जाता था, वहीं आज बीच शहर के खड्ड में ही फेंका जा रहा है। हालांकि, कुछ जागरूक नागरिकों ने शहर में ही कचरा फेंकने पर पुलिस में बकायदा नगर परिषद के कर्मियों के खिलाफ शिकायत भी दर्ज कराई है। इसके बाद नगर परिषद ने हरकत में आते हुए कचरे को खड्ड में नहीं फेंकने के सख्त निर्देश जारी किए। भविष्य में ऐसा करने वालों पर सख्त कार्रवाई की चेतावनी भी दी।
अब सवाल यह है कि ऐसी कार्रवाई के लिए नागरिक शिकायत कर रहे हैं, नगर परिषद के अधिकारी कहां सोए हैं? इसके अलावा भी शहर के मुख्य मागरें के किनारे भी कचरे के ढेर दिखना शुरू हो गया है, जिसे ऐसा लगता है कि नगर परिषद खुद साफ सफाई के प्रति गंभीर नहीं है। बाक्स--
हर साल फैल रहा है शहर में डेंगू
कठुआ: जहां साफ सफाई का अभाव है, वहीं कचरे वाले स्थान पर पानी जमा होने से मच्छर आदि भी अधिक फैलने की संभावना बनी रहती है। जिससे डेंगू जैसी खतरनाक बीमारी भी दस्तक देती है। हैरानी इस बात की है कि हर साल शहर में डेंगू की स्थिति गंभीर रहती है, उसके बाद भी सफाई के प्रति कोई गंभीर नहीं है
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केंद्र सरकार ने स्वच्छता अभियान की जागरूकता के लिए पांच सालों में करोड़ों रुपये खर्च किए गए हैं, जिसका कठुआ शहर में तो कोई असर नहीं हुआ है। शहर में आज भी जगह-जगह कचरे के ढेर सड़क मार्गो पर देखे जाते हैं। नगर परिषद के अधिकारी साफ सफाई के लिए कोई भी गंभीर नहीं है। नगर परिषद के प्रधान सुबह पूरे शहर में खुद नालियों के बंद निकास खुलवाने के लिए अगर सक्रिय रहते हैं तो कर्मचारी और अधिकारी क्या कर रहे हैं।
-गणेश भल्लड़। बाक्स--
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इससे बड़ी लापरवाही और क्या सकती है कि शहर से कचरा एक जगह से उठाकर उसे शहर में ही फेंका जा रहा है। जहां फेंका जा रहा है,वहां आसपास रिहायशी बस्ती है। उन्होंने ऐसे कर्मियों की पुलिस थाना में शिकायत भी दर्ज कराई है। शहर के बीच कचरा फेंकने से बड़ी बीमारी फैलने की संभावना बन रही है,क्योंकि कठुआ पहले से ही डेंगू की चपेट में हर साल आता है। उसके बाद भी कोई गंभीर नहीं है,अब तो चुनी गई नगर परिषद है।
कैप्टन जगदेव सिंह।
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शहर के बीचो बीच सूखी खडड में कचरा फेंकने के लिए सफाई कर्मचारियों के अलावा नगर परिषद के अधिकारी भी जिम्मेदार हैं,जिन्हें सफाई के जिम्मा दिया गया है। उनकी नगर परिषद की टीम तो अपने-अपने वार्ड में हालांकि रोज सफाई कराने के लिए सक्रिय रहती है,लेकिन शहर के सार्वजनिक स्थान पर कचरा फेंकने वालों पर कार्रवाई की मांग करेंगे, क्योंकि इससे शहर का वार्ड, 8,9,11,12 और वार्ड 6, 7 और 3 प्रभावित होता है।
कुलवंत कौर, पार्षद, बाक्स--
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अफसरशाही से मुक्त नहीं हो रही है अभी स्थानीय निकाय
जब से अध्यक्ष पद की कुर्सी संभाली है,तब से लेकर आज तक कोई दिन नहीं होगा, जब रूटीन में शहर के विभिन्न वाडरें में साफ सफाई सुनिश्चत करने और कचरे के ढेर हटाने के लिए सक्रिय नहीं रहे हैं,लेकिन सफाई कर्मचारियों के अलावा सरकारी अधिकारी अभी भी सक्रिय नहीं है जो शायद अभी भी अफसरशाही नीति से मुक्त नहीं हुए हैं। जिनके खिलाफ भी कार्रवाई किए जाने को लेकर उच्चाधिकारियों को लिख चुके हैं। शहर में आज भी वार्ड 13 से लेकर 21 तक सफाई के प्रबंध नहीं है। सरकार ने और सफाई कर्मियों को रखने के लिए कोई मंजूरी नहीं दी है।
नरेश शर्मा, प्रधान, नगर परिषद कठुआ।