जिले में सर्वे पर सर्वे, फिर भी किसानों को मुआवजे की दरकरार
बेमौसम बारिश से जिला में खराब हुई किसानों की मुख्य धान की फसल की कृषि विभाग द्वारा डीसी के निर्देश पर फील्ड सर्वे कराने के बाद आंकड़ों सहित सौंपी गई रिपोर्ट के बाद आज तक सरकार की ओर से मुआवजे के तौर पर कुछ भी नहीं मिला है।
जागरण संवाददाता, कठुआ : खराब हुई फसल का विस्तारपूर्वक रिपोर्ट डीसी को सौंपे जाने के बाद भी किसानों को आज भी मुआवजे की दरकरार है। बेबस किसान तीन सप्ताह से मुआवजा मिलने की आस लगाए बैठे हैं, क्योंकि जिला कृषि विभाग ने गत 2 दिसंबर को ही डीसी को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है।
गौर हो कि गत नवंबर माह में बेमौसमी बारिश से जिले में खराब हुई किसानों की मुख्य धान की फसल की कृषि विभाग ने डीसी के निर्देश पर फील्ड सर्वे किया था। इसके बाद आंकड़ों सहित रिपोर्ट सौंप दी थी, ताकि सरकार प्रभावित किसानों को मुआवजे के लिए राहत जारी कर सके। करीब तीन सप्ताह बीत जाने के बाद भी किसानों को अभी तक कुछ भी नहीं मिला है। हालांकि डीसी ने कृषि विभाग द्वारा सौंपी गई रिपोर्ट को अपने स्तर पर सरकार को भेजने से पहले एक बार दोबारा अपने रेवेन्यू विभाग से प्रमाणित कराने की प्रकिया भी शुरू कराई है, ताकि आंकड़े सही हो, लेकिन रेवेन्यू विभाग कृषि विभाग द्वारा सौंपी गई रिपोर्ट को प्रमाणित करने की प्रक्रिया पूरी नहीं कर पाया है। इसके चलते किसानों को मुआवजे की अभी दरकार है। और तो और धान की खराब फसल के साथ अब अगली गेहूं की फसल को भी खराब मौसम का ग्रहण लग चुका है।
किसान खेतों में जमा पानी और बीजी गई गेहूं की फसल को भी नहीं बचा पा रहे हैं, जो नहीं बीज पाये हैं, उनका बीजाई का उचित समय निकल चुका है। ऐसे में मौसम की दोहरी मार झेल रहे किसानों की पुकार सरकार अभी सुन नहीं रही है। सिर्फ आए दिन नुकसान के आंकड़े और प्रभावित फसल का जायजा लेने तक सरकार की कार्रवाई से अब किसान भी परेशान हो चुके है। कृषि विभाग द्वारा सौंपी गई रिपोर्ट में जिले के 6603 किसानों की 4902.995 एकड़ धान की फसल खराब हुई है।
बहरहाल, मुआवजे के लिए किसान रोज कर रहे हैं प्रदर्शन। सबसे ज्यादा प्रभावित मढ़ीन क्षेत्र के किसान रोज धरना प्रदर्शन कर मुआवजा देने की मांग कर रहे हैं, लेकिन सरकारी प्रक्रिया सिर्फ सर्वे और जायजा लेने तक ही सीमित है। वहीं खराब मौसम अभी भी किसानों का पीछा नहीं छोड़ रहा है। ऐसी हालत में इन किसानों की कोई सुनने वाला नहीं है।
मढ़ीन के किसान शिवदेव सिंह, ओम प्रकाश, कुलदीप सिंह और हैप्पी सिंह ने रोष जताते हुए कहा कि सरकार मुआवजे के नाम पर अभी सिर्फ आश्वासन ही दे रहा है, जबकि उनकी हालत ये है कि तत्काल राहत मिले, तभी वे अगली फसल की तैयारी कर सकते हैं, अन्यथा किसान भूखमरी के शिकार होंगे। दो दिन पूर्व मंत्री बाबू सिंह ने भी मुआवजे की मांग को लेकर डीसी कार्यालय के समक्ष किसानों के साथ प्रदर्शन किया था।
कोट्स----
डीसी के निर्देश पर गत माह 7,15, 22, 27 और 28 नबंवर को हुई भारी बारिश से खराब हुई जिले के सात कृषि जोन में धान की फसल की फील्ड स्टाफ से सर्वे कराकर गत 2 दिसंबर को रिपोर्ट तैयार कर भेज दी थी। अभी तक किसानों को कोई मुआवजा देने का सरकार की ओर से आदेश नहीं आया है।
- बी के उपाध्याय, मुख्य कृषि अधिकारी, कठुआ।
कोट्स---
कृषि विभाग ने खराब हुई फसल की डिटेल रिपोर्ट तीन सप्ताह पहले ही सौंप दी थी। कृषि विभाग ने उस रिपोर्ट की प्रति अपने निदेशक को भी भेजी है। उस रिपोर्ट को पूरी तरह से जमीनी स्तर पर प्रमाणित करने के लिए रेवेन्यू विभाग से सर्वे कराया जा रहा है, जो अभी तक पूरा नहीं हुआ है। अभी तक सरकार की ओर से कोई भी राहत या मुआवजा किसानों को नहीं दिया गया है।
-ओपी भगत, डीसी, कठुआ।
बाक्स----
खराब हुई धान की फसल की ब्योरे सहित रिपोर्ट जोन- किसान, जिनकी फसल हुई प्रभावित- कुल हेक्टेयर क्षेत्र-प्रभावित फीसद
पल्ली- 30-15.60-20 से 25
ऐरवां-1000-710.65-80 से 90
मढ़ीन-2759-2576.92-80 से 90
कठुआ-7-22.10-60 से 80
हीरानगर-2520-1569.77- 80 से 90
छन्न रोड़ियां-284-176.15-60 से 80
गोविदसर-3-1.50-30 से 35
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कुल- 6603-4902.995