स्टोन क्रशर्स एवं प्रशासन में रार जारी
जागरण संवाददाता कठुआ विकास कार्यो में इस्तेमाल होने वाली मुख्यता से स्टोन क्रशर्स की बजरी
जागरण संवाददाता, कठुआ: विकास कार्यो में इस्तेमाल होने वाली मुख्यता से स्टोन क्रशर्स की बजरी एवं रेत की विगत तीन दिन से प्रशासन के रवैये से तंग आकर बंद की गई सप्लाई से अभी जिला में उतना हाहाकार नहीं मचा है,जितना जम्मू स्थित बड़ी बड़ी परियोजना के जारी कार्यो में प्रभावित होने लगा है। जम्मू में जारी कई विकास कार्यो के लिए कठुआ जिला से हॉट मिक्सर प्लांट से बजरी एवं प्रिमिक्स की सप्लाई जाती है। ऐसे में तीन दिन से बंद स्टोन क्रशर्स की सप्लाई से वहां हाइवे पर निर्माण कार्य बंद हो गए हैं। वहीं कठुआ जिला में इसका असर अगले तीन चार दिनों में दिखेगा। इधर प्रशासन एवं स्टोन क्रशर्स मालिक दोनों में से कोई भी अपने फैसले पर झुकने को तैयार नहीं है। वहीं स्टोन क्रशर्स मालिकों ने जिला में बजरी एवं रेत की बंद की गई सप्लाई को पूरी तरह से प्रभावी बनाने के लिए सभी 66 स्टोन क्रशरों को एकजुट रहने का आहवान किया है। स्टोन क्रशर्स मालिकों का कहना है कि जब तक प्रशासन उनके बंद किए गए स्टोन क्रशर्स को दोबारा चलाने की अनुमति नहीं देता है और किए गए बिना कारण भारी भरकम जुर्माने पर दोबारा विचार नहीं करता है तब तक उनकी बजरी सप्लाई बंद रहेगी। भले ही प्रशासन अभी उनके द्वारा सप्लाई पर कोई विचार नहीं कर रहा है,लेकिन आने वाले दिनों में इसका विकास कार्यो पर बुरा प्रभाव पड़ेगा। जिससे समय पर होने वाले विकास कार्य प्रभावित होंगे, जिन्हें सरकार ने पूरा करने के लिए डेडलाइन दे रखी है। जिससे विकास कार्य समय पर पूरा न होने से लोगों को लाभ नहीं मिलेगा और सरकार की योजनाएं तय लक्ष्य के मुताबिक समय पर पूरी नहीं होंगी। क्रशर्स मालिक सुभाष चंद्र का कहना है कि प्रशासन ने उन्हें जो जुर्माने किए हैं,वो किसी भी तरह से उचित नहीं है,इससे पहले ऐसा कभी नहीं हुआ है, जहां तक कि अभी तक अन्य किसी जिले में भी इस तरह कह कार्रवाई नहीं की गई है। इसकी पहले पूरी बारीकी से जांच पड़ताल की जाती,उसके बाद जुर्माने किए जाते। प्रशासन बिना वजह कठुआ में स्टोन क्रशरों के मालिकों का तंग कर रहा है। उधर स्टोन क्रशर्स एसोसिएशन ने प्रशासन द्वारा किए गए जुर्माने को कोर्ट में चुनौती देने की तैयारी कर ली है। इधर प्रशासन दस्तावेज पूरे किए और जुर्माना जमा कराए बिना क्रशर्स को चलाने की अनुमति देने को तैयार नहीं दिख रहा है। इस तरह की स्थिति बनने से आने वाले दिनों में कठुआ में निर्माण कार्य बिना बजरी रेत के प्रभावित हो सकते हैं।