Move to Jagran APP

गांवों में पंप हाउस जर्जर, पीएचई कर्मियों की जान जोखिम में

पेयजल आपूर्ति के लिए लगाए गए टयूबवेलों के पंप हाउस जर्जर हालत में होने के कारण एक बारिश के दौरान मशीनरी खराब हो जाती है वहीं वहां पर कर्मचारियों को भी जान जोखिम में डालकर ड्यूटी देनी पड़ती है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 15 Jan 2020 06:35 PM (IST)Updated: Wed, 15 Jan 2020 11:42 PM (IST)
गांवों में पंप हाउस जर्जर, पीएचई कर्मियों की जान जोखिम में
गांवों में पंप हाउस जर्जर, पीएचई कर्मियों की जान जोखिम में

संवाद सहयोगी, हीरानगर : क्षेत्र के विभिन्न गांवों में पेयजल आपूर्ति के लिए लगाए गए टयूबवेलों के पंप हाउस पूरी तरह से जर्जर हालत में है। इसके कारण बारिश होते ही मशीनरी खराब हो जाती है, वहीं कर्मचारियों को भी जान जोखिम में डालकर ड्यूटी देनी पड़ती है।

loksabha election banner

जानकारी अनुसार करोल कृष्णा टयूबवेल पंप हाउस का बीच में छत खाली है। जब भी बारिश होती है तो बारिश का पानी अंदर चला जाता है, जिस कारण शार्ट सर्किट का खतरा बना रहता है। ऐसी ही हालत मथुराचक व रघुनाथपुरा की है, वहां पंप हाउस के आगे पानी भरा हुआ है। इसके कारण कर्मचारियों को अंदर आने जाने में काफी परेशानी होती है। स्थानीय लोगों का कहना है कि जर्जर हालत में पंप हाउस की खिड़कियां व दरवाजे आदि तक टूटे रहने से बारिश का पानी अंदर पड़ने से ही बार-बार मशीनरी खराब हो जाती है। संबंधित विभाग को पंप हाउस की हालत सुधारनी चाहिए, ताकि कर्मचारी भी सुरक्षित ड्यूटी दे सकें तथा मशीनरी भी खराब न हो। कोटस---

करोल कृष्णा में लगे टयूववेल के पंप हाउस का छत कई सालों से खाली पड़ा हुआ है, जब भी बारिश होती है तो पानी अंदर चला जाता है। इससे मशीनरी बार-बार खराब हो जाती है, शार्ट सर्किट का खतरा बना रहता है। विभाग को पंप हाउस के छत को ढकना चाहिए, ताकि पानी अंदर न जाए।

- रतन चंद, चेयरमैन, बॉर्डर वेलफेयर कमेटी, हीरानगर। कोट्स---

मथुरा चक पंप हाउस के आगे पानी जमा रहता है। इस समय भी वहां पर लगे ट्रांसफार्मर के चारों ओर पानी जमा है। पीएचई विभाग के अधिकारियों से पानी निकासी करवाने की कई बार मांग कर चुके हैं, फिर भी इस तरफ ध्यान नहीं दिया जा रहा। विभाग को पंप हाउस की हालत सुधारनी चाहिए।

- विजय कुमार, पंच, हरिपुर पंचायत। कोट्स----

रघुनाथपुरा ट्यूबवेल के पंप हाउस की हालत जर्जर बनी हुई है। बारिश का पानी अंदर जाने से एक तो मशीनरी अक्सर खराब रहती है। दिन में बिजली की कटौती रहने से कर्मचारियों को रात के समय मोटर चलानी पड़ती है, रात को सांप व कीड़ों का खतरा बना रहता है। पीएचई विभाग को पुराने ट्यूबवेलों की मरम्मत करवानी चाहिए।

- मोहन लाल, सरपंच, पानसर। कोट्स---बाक्स--

पंप हाउस की मरम्मत के लिए प्रपोजल बनाकर उच्चाधिकारियों को भेजा गया है, फंड आने पर मरम्मत हो जाएगा।

- गोपाल शर्मा, एईई, पीएचई।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.