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नाले के पानी का बहाव रोके जाने से बढ़ी परेशानी

के बहाव को रोके जाने से लोगों को आने जाने में परेशानी हो रही है लेकिन प्रशासन कोई कार्रवाई नहीं कर रहा। सीमांत क्षेत्र के सैकड़ों लोग प्रतिदिन तरना नाले से गुजर कर हीरानगर कस्बे में आते जाते हैं जिन्हें मजबूरन पानी के बीच से गुजरना पड़ता है बरसात के बाद नाले में पानी का बहाव अब कम हो चुका है मगर कु

By JagranEdited By: Published: Wed, 04 Dec 2019 07:07 PM (IST)Updated: Wed, 04 Dec 2019 09:53 PM (IST)
नाले के पानी का बहाव रोके जाने से बढ़ी परेशानी
नाले के पानी का बहाव रोके जाने से बढ़ी परेशानी

संवाद सहयोगी, हीरानगर : तरनाह नाले मे कुछ लोगों द्वारा पानी के बहाव को रोके जाने से लोगों को आने जाने में परेशानी हो रही है, लेकिन प्रशासन कोई कार्रवाई नहीं कर रहा। सीमांत क्षेत्र के सैकड़ों लोग प्रतिदिन तरना नाले से गुजर कर हीरानगर कस्बे में आते-जाते हैं, जिन्हें मजबूरन पानी के बीच से होकर गुजरना पड़ता है।

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बरसात के बाद नाले में पानी का बहाव अब कम हो चुका है, मगर कुछ लोगों ने आगे बांध बना कर बहाव को रोक रखा है। रास्ते में पानी जमा हो जाने से पैदल चलने वालों, दोपहिया वाहनों को आने जाने में परेशानी होती है। क्षेत्र के लोगों का कहना है कि अगर प्रशासन ने रास्ता ठीक नहीं करवाया तो तहसील कार्यालय पर धरना लगाकर बैठ जाएंगे।

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तरनाह नाले के पुल का निर्माण कार्य मुकम्मल होने में अभी कुछ समय लग सकता है। लोगों के गुजरने के लिए ग्रेफ ने अस्थाई पुली भी बना रखी है, मगर उसके आगे पानी के बहाव को रोके से लोगों को आने जाने में परेशानी हो रही है। प्रशासन को रास्ता ठीक करवाना चाहिए, ताकि लोग आसानी से गुजर सकें।

-संजय शर्मा, म्यूनिसिपल कमेटी के सदस्य। कोट्स--

तरना नाले के पार सीमांत क्षेत्र के साठ के करीब गांव पड़ते हैं, यहां से सैकड़ों लोग प्रतिदिन आते जाते हैं, जिन में महिलाएं, छोटे बच्चे भी होते हैं, सर्दी के मौसम में उन्हें जूते खोल कर पानी के बीच से होकर गुजरना पड़ता है। स्कूटी पानी के बीच फीसल जाने से लोग घायल हो जाते हैं। प्रशासन पानी रोकने वालों के खिलाफ कार्रवाई करे।

-रमेश कुंडल, स्थानीय निवासी।

कोट्स---

पानी के बहाव को रोक देने से लोगों को आने जाने में परेशानी हो रही है, हल्की बारिश होते ही रास्ते में पानी जमा हो जाता है, अभी पुल निर्माण कार्य मुकम्मल होने में समय लग सकता है, तब तक लोगों कोनाले के बीच से होकर गुजरना पड़ेगा। ऐसे में प्रशासन को रास्ता ठीक करवाना चाहिए, प्रशासनिक अधिकारियों को समस्या का समाधान करवाना चाहिए।

-अजीत कुमार, सचिव, बॉर्डर वेलफेयर कमेटी। कोट्स---

अगर नाले में पानी के बहाव को रोका गया है तो उसे खुलवाएंगे। ग्रेफ के अधिकारियों को भी रास्ता ठीक करने के लिए कहा गया।

- सोहन लाल, तहसीलदार, हीरानगर।


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