बेटी बचाओ पर कवियों ने कही मन की बात
शमर मेजर सिंह अशीष कुमार आदि ने भी अपने संबोधन में समाज को बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ पर अपने मन की बात कही। कार्यक्रम के अंत में मुख्य अतिथि ने सूचना विभाग का आभार जताते हुए कहा कि यह लेखन कला लुप्त होने के कगार पर है हम आभारी हैं सूचना विभाग के जो समय समय पर ऐसे मुशायरों का
संवाद सहयोगी, बसोहली: सूचना विभाग ने मॉडल हायर सेकेंडरी स्कूल में मुशायरे का आयोजन किया, जिसमें कवियों ने अपनी कविताओं से मनोरंजन किया। इस मुशायरे का विषय बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ रहा।
सूचना विभाग के इंचार्ज कुलदीप अबरोल द्वारा आयोजित मुशायरे में मुख्य अतिथि मॉडल हायर सेकेंडरी स्कूल के प्राचार्य डॉ. रमण शर्मा रहे। डॉक्टर सपना ने अपनी कविता के माध्यम से बताया कि मैं मौन, निशब्द, नीरव हूं, मगर गूंगी नहीं, मैं साथी, मित्र, दोस्त हूं मगर गुलाम नहीं। डॉक्टर अशरफ मट्टू ने अपनी कविता में बताया कि दोनों जहान में सुख चाहिये तो यह अमल कर लिया कर, जिस हाल में हो मां राजी उस हाल में जी लिया कर। समझते क्यों नहीं बेटी अपनी तो है, कोई जहमत नहीं। मजहब का भी फरमान यही घर में बेटी नहीं तो अल्लाह की रहमत नहीं। डॉक्टर भूषण शास्त्री ने कहा कि तीर नहीं तलवार उठाकर बम नहीं मिसाइल गिराकर बेटी धन बचाना है, मोदी के इस मिशन को हमने कर के सच बताना है।
इस अवसर पर डॉक्टर रमा शर्मा, चंचल शर्मा, मेजर सिंह, आशीष कुमार आदि ने भी अपने संबोधन में समाज को बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ पर अपने मन की बात कही। कार्यक्रम के अंत में मुख्य अतिथि ने सूचना विभाग का आभार जताते हुए कहा कि यह लेखन कला लुप्त होने के कगार पर है, हम आभारी हैं। सूचना विभाग के जो समय-समय पर ऐसे मुशायरों का आयोजन करते हैं, इस कला को जीवित रखने का प्रयास करते हैं। ऐसे कार्यक्रम सामाजिक बुराइयों को जड़ से मिटाने के लिये जरूरी हैं।