केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने गोशाला पहुंच गोमाता किया पूजन
संवाद सहयोगी कठुआ गोपाष्टमी का पर्व आस्था के साथ मनाया गया। पर्व के चलते सुबह से ही विभिन्न गोश
संवाद सहयोगी, कठुआ: गोपाष्टमी का पर्व आस्था के साथ मनाया गया। पर्व के चलते सुबह से ही विभिन्न गोशालाओं व मंदिरों में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस दौरान श्रद्धालुओ ने गोमाता का पूजन कर उनका आशीष प्राप्त किया। वहीं महिला श्रद्धालुओं ने संकीर्तन कर गोमाता के प्रति अपनी आस्था का परिचय दिया।
कठुआ के बेड़िया पत्तन स्थित गायत्री गोशाला में मुख्य समारोह का आयोजन हुआ। जहा रविवार सुबह से ही शहर के विभिन्न स्थानों से आए श्रद्धालुओं ने अपनी आस्था के अनुसार गोमाता की सेवा और पूजन किया। इस मौके पर विशेष रूप से पहुंचे केंद्रीय राज्यमंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने भी गोमाता का विधिविधान से पूजन कर उनका आशीष प्राप्त किया। इस दौरान मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए उन्होंने सभी को गोपाष्टमी की बधाई दी। उन्होंने कहा कि संपूर्ण विश्व में हमारी सनातन संस्कृति ही एकमात्र ऐसी सभ्यता है, जहा पशु-पक्षी, नदी, पहाड़ के साथ वनस्पतियों को भी इतना आदर किया जाता है। यह हमारी क्षेष्ठता का परिचायक है। गोशाला के प्रमुख ज्ञान सिंह पठानिया ने बताया कि सनातन संस्कृति के अनुसार गोमाता में 33 करोड़ देवी-देवताओं का वास है, उनकी सेवा से हमें सभी देवता का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
उधर, रविवार को मंदिरों के शहर जम्मू और आसपास के क्षेत्रों में धार्मिक आस्था एवं श्रद्धा के साथ मनाया जा गया। घर-घर में गाय पूजा की गई। मुख्य कार्यक्रम गोशाला अंबफला जम्मू में जम्मू-कश्मीर गो रक्षा समिति के अध्यक्ष राजकुमार की अध्यक्षता में किया गया। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा कार्यक्रम के मुख्य अतिथि थे। उन्होंने भी गो पूजन कर आश्वासन दिया कि गोशाला को पूरा सहयोग किया जाएगा। उन्होंने लोगों से भी आग्रह किया कि वे गाय को शहर में खुला न छोड़ें। उनके चारे का खास ध्यान रखा जाना चाहिए।
जम्मू-कश्मीर गौ रक्षा समिति के अध्यक्ष राज कुमार गुप्ता ने बताया कि कैसे लोगों के सहयोग से गौशाला चल रही है। उन्होंने कहा कि यहां बीमार गायों की देखभाल की जाती है। राजकुमार ने कहा कि यदि किसी को पूजा के लिए गाय की जरूरत होती है, तो गोशाल से उपलब्ध करवाया जाता है। इस मौके हवन का भी आयोजन किया गया था, जिसमें कई लोगों ने भाग लिया। पूर्णाहुति में भाग लेने वालों में बड़ी संख्या में नगरवासी मौजूद रहे। कार्यक्रम के अंत में प्रसाद वितरित किया गया।
गौशाला में सुबह से ही लोग गाय पूजा के लिए आने लगे थे। गौ पूजा के उपरांत गायों को पुष्प माला पहनाई गई। लोगों ने गायों को चारा डाला एवं यथा संभव दान किया। इस मौके पर राज कुमार गुप्ता ने बताया कि कार्तिक शुक्ल पक्ष की अष्टमी के दिन भगवान श्री कृष्ण को गायों को चराने के लिए वन में भेजा गया था। यशोदा मइया भगवान श्रीकृष्ण को प्रेमवश कभी गौ चारण के लिए नहीं जाने देती थीं, लेकिन एक दिन कन्हैया ने जिद कर गौ चारण के लिए जाने को कहा। तब यशोदा जी ने ऋषि शांडिल्य से कहकर मुहूर्त निकलवाया और गोपाष्टमी के दिन सुबह अपने श्रीकृष्ण को गौ चारण के लिए भेजा। शाम तक भजन कीर्तन का कार्यक्रम चलता रहा। श्रद्धलु पूजा अर्चना के लिए आते रहे। सभी ने गौ माता की रक्षा का भी संकल्प लिया।