माइनिंग विभाग के खिलाफ लोगों का फूटा गुस्सा
संवाद सहयोगी बिलावर प्रदूषण नियंत्रण कंट्रोल बोर्ड वीरवार को माइनिंग के लिए ब्लाक को एनवायरमें
संवाद सहयोगी, बिलावर: प्रदूषण नियंत्रण कंट्रोल बोर्ड वीरवार को माइनिंग के लिए ब्लाक को एनवायरमेंट क्लीयरेंस देने के उद्देश्य से जन सुनवाई कार्यक्रम का आयोजन किया। इस दौरान मेट्रोलाजी और माइनिंग विभाग के खिलाफ लोगों का गुस्सा फूट पड़ा। हालांकि, कार्यक्रम में लोगों ने कहा कि खनन शुरू किए जाने से कोई परेशानी नहीं है, लेकिन पूरे नियम कानून के तहत ही अनुमति दी जाए।
उधर, फिंतर चौक पर लोगों ने माइनिंग विभाग को क्रशर मालिकों की कठपुतली करार देते हुए प्रदर्शन किया। इस दौरान कहा कि माइनिंग विभाग सिर्फ क्रशर मालिकों के इशारे पर काम करता है। गरीब ट्रैक्टर ट्राली और खचरों के माध्यम से दरिया से रेत बजरी उठाने वालों पर माइनिंग विभाग कार्रवाई करता है, लेकिन क्रशर चालकों जोकि माइनिंग विभाग की मिलीभगत से दरियाओं का अवैध तरीके से छलनी कर रहे हैं, उन पर विभाग की नजरें इनायत नहीं है। पर्यावरण कार्यकर्ता एवं पर्यावरण संरक्षण के लिए कार्य करने वाले सामाजिक कार्यकर्ता संजीत शर्मा ने कहा कि भिन्नी ,नाज और उज्ज से अवैध तरीके से मेटेरियल निकाली जा रही, बिना एनवायरमेंटल क्लीयरेंस के दरिया से मेटेरियल निकालकर क्रश किया जा रहा है। माइनिंग विभाग क्रशर चालकों के खिलाफ क्या कार्रवाई कर रहा है। माइनिंग विभाग की मिलीभगत के चलते ही बिलावर के दरियाओ से अवैध तरीके से माइनिंग हो रही है, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। क्रशरों द्वारा की जाने वाली माइनिंग के कारण पानी का स्तर नीचे जा रहा है। सेरी मुनि, देवल, डड़वाडा में भूजलस्तर काफी नीचे चला गया है।
जन सुनवाई कर रहे प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड ने जल शक्ति विभाग और सिंचाई विभाग की रिपोर्ट तक नहीं ली है कि माइनिंग के चलते जल स्तर कितना नीचे गया है। उनका स्वच्छ वातावरण प्रदूषित हो रहा है या नहीं, इसलिए पहले वातावरण को प्रदूषण मुक्त बनाने और गिरते जल स्तर को ऊपर उठाने के प्रयास हो। इसके बाद ही ब्लाक आवंटित करने के लिए पर्यावरण क्लीयरेंस हो।
भाजपा मंडल अध्यक्ष एवं बिलावर के वार्ड 11 के पार्षद सेवानिवृत्त डीएसपी पूर्णचंद ने कहा कि ब्लॉक के आवंटन के लिए प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड एनवायरमेंट क्लीयरेंस देने के लिए जनसुनवाई जरूर कर रहा है, लेकिन उसे यह भी सोचना चाहिए कि भूजलस्तर नीचे गिरने के साथ-साथ प्रदूषित जल हो रहा है। उन्होंने कहा कि पहले नियमों को पालना करवाई जाए, यदि भूजल स्तर ऊपर आता है, लोगों को प्रदूषित पानी से निजात मिलती है, तभी क्लीयरेंस दी जाए। उन्होंने माइनिंग विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि माइनिंग विभाग द्वारा क्या गरीब पर कार्रवाई सिर्फ लोगों को दिखाने के लिए की जाती थी। क्रशर मालिकों को दिन रात दरियाओं मेटेरियल निकालने की खुली छूट दे दी गई थी। उन्होंने कहा कि बिलावर में माइनिंग के लिए ब्लॉक का आवंटन हो, लेकिन नियमों को पालन अभी सख्ती से हो।
नीलम होटल में आयोजित प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड कठुआ द्वारा की गई जनसुनवाई में एडीसी संदेश कुमार शर्मा, नियंत्रण प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड पीसीबी कठुआ के डिविजनल आफिसर अनिल शर्मा, जिला माइनिंग अधिकारी संजय राठौड़ विशेष रूप से उपस्थित रहे।