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चंचलो माता मंदिर बचाने के लिए लोग होने लगे एकजुट

संवाद सहयोगी बसोहली करीब 500 वर्ष पुराने चंचलो माता मंदिर को बचाने के लिए प्रशासन की ओर से के

By JagranEdited By: Published: Wed, 20 Jan 2021 12:22 AM (IST)Updated: Wed, 20 Jan 2021 06:51 AM (IST)
चंचलो माता मंदिर बचाने के लिए लोग होने लगे एकजुट
चंचलो माता मंदिर बचाने के लिए लोग होने लगे एकजुट

संवाद सहयोगी, बसोहली: करीब 500 वर्ष पुराने चंचलो माता मंदिर को बचाने के लिए प्रशासन की ओर से केवल पत्राचार ही करने और जमीनी स्तर पर कोई कार्रवाई ना होने से स्थानीय निवासियों में निराशा का आलम है। ग्रामीणों का कहना है कि इतिहास के पन्नों में दर्ज चंचलो माता के मंदिर के अस्तत्व को समाप्त करने पर प्रशासन तुला हुआ है।

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लगभग चार माह हो गए और अभी तक जमीनी स्तर पर चंचलो मात मंदिर को बचाने के लिए किसी भी प्रकार की कोई ठोस कार्रवाई शुरू नहीं की गई है। यह स्थान बसोहली की ऊंची पहाड़ी पर स्थित है, बसोहली आने वाला हर पर्यटक इस जगह पर पहुंचने के लिए उत्सुक रहता है। पहाड़ी पर वन में स्थित इस मंदिर से हिमाचल, पंजाब और पूरा बसोहली कस्बे को देखा जा सकता है। अटल सेतु का पूरा फोटो भी इसी जगह से खिंचा जा सकता है। लोगों की आस्था के मद्देनजर इसे बचाने के लिए लोग अब एकजुट हो रहे हैं, ताकि जनप्रतिनिधियों के साथ-साथ प्रशासनिक अधिकारियों तक आवाज पहुंच सके। कोट्स---

यह मंदिर नहीं, यह आस्था व श्रद्धा का प्रतीक है। आज के युग में यहा पर वाहन पहुंचते हैं, हम यहा पर चार किलोमीटर पैदल नंगे पाव आते रहे हैं। इस मंदिर में मागी जाने वाली हर मुराद पूरी होती है। मंदिर में मुंडन संस्कार शादी एवं अन्य रीति रिवाज आए दिन होते रहे। इसे बचाने के लिए स्थानीय सांसद के अलावा उप राज्यपाल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक को पत्र लिखे, मगर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है।

- शिव कुमार पाधा, मंदिर के पुजारी। कोट्स---

हद हो गई, पिछले चार माह से प्रशासन एक मंदिर को बचाने के लिए कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है। धाíमक आस्था एवं पर्यटन का केंद्र चंचलो माता पर प्रशासन की नजर ए इनायत नहीं हो रही है, जबकि जिला उपायुक्त ने खुद मौके का दौरा किया था। अगर प्रशासन ऐतिहासिक धरोहर के रखरखाव के लिए खुद जिम्मेवारी लेती है या फिर इसे ऐसे ही राम भरोसे छोड़ देती है। अगर इसे सरकार अपनी धरोहर नहीं मानती तो इसे कौन ठीक करवाएगा। प्रशासन को जल्दी कदम उठाने चाहिए।

- आकाश भारत, प्रवक्ता, प्रदेश काग्रेस पार्टी। कोट्स--

चंचलो माता मंदिर बसोहली वासियों के लिए ही नहीं, बल्कि पंजाब व हिमाचल के लोगों की आस्था का केंद्र है। राजाओं महाराजाओं की इस निशानी को बचाने के लिए प्रशासन को आगे आना चाहिए। यह मंदिर बसोहली की शान है, यहा से बसोहली के दर्शन होते हैं और पर्यटक यहा पर आकर कुछ पल के लिए प्रकृति में खो जाते हैं। सरकार इसके रखरखाव के लिए पहल करे।

-अनिल पाधा, प्रधान, व्यापार मंडल बसोहली। कोट्स---

चंचलो माता मंदिर के पून: निर्माण को लेकर प्रशासन से कई बार गुहार लगाई गई। ब्लाक दिवस पर एडीसी एवं जिला उपायुक्त के समक्ष मुद्दे के रखा गया, मगर आज भी काम वहीं का वहीं रुका पड़ा हुआ है। यह मंदिर का मुद्दा ब्यूरोकेसी की भेंट चढ़ रहा है। पहले माडल कोड आफ कंडेक्ट के कारण प्रशासन ने इसकी अनदेखी की, अब समय है अब इसका निर्माण कार्य शुरू करवाया जाए।

- उदित पाधा।


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