मानवी, नेहा व अपूर्वा के पोस्टर व स्लोगन को सराहा
जागरण संवाददाता कठुआ राष्ट्रीय बालिका दिवस के उपलक्ष्य में डिग्री कॉलेज कठुआ की एनएसएस
जागरण संवाददाता, कठुआ: राष्ट्रीय बालिका दिवस के उपलक्ष्य में डिग्री कॉलेज कठुआ की एनएसएस इकाई ने रविवार को स्लोगन राइटिग प्रतियोगिता के साथ ऑनलाइन पोस्टर बनाने का मुकाबला करवाया।
एनएसएस स्वयंसेवकों ने विशेष दिवस पर बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, दहेज को ना कहें, बालिका भ्रूण हत्या पर रोक, बाल विवाह पर रोक, ईव टीजिग पर रोक, यौन उत्पीड़न और एसिड हमलों पर पोस्टर तैयार किए। सेव गर्ल चाइल्ड का मुख्य विषय था।
स्वयंसेवकों ने बालिकाओं की प्रगति के लिए शांतिपूर्ण और अनुकूल वातावरण प्रदान करने के लिए ²ढ़ता से अपील की और सरकार से समाज में नैतिक शिक्षा प्रदान करने की अपील की, खासकर लड़कों के जीवन के शुरुआती चरण में। उन्होंने महिलाओं के पक्ष में अधिकतम भागीदारी और राजनीतिक आरक्षण के लिए अपनी आवाज भी उठाई और अधिकारियों से समाज में व्याप्त कुरीतियों के खिलाफ क्षेत्रों में डोर टू डोर अभियान चलाने की मांग की।
ऑनलाइन प्रतियोगिता में 80 स्वयंसेवकों ने भाग लिया, जिसमें मानवी चौधरी, नेहा रानी और अपूर्वा शर्मा के पोस्टर और स्लोगन को पहला, दूसरा और तीसरा स्थान मिला। भवनीत कौर, मनीषा राजपूत, अभिजीत ईशर, सुखविदर सिंह को भी सांत्वना पुरस्कार के लिए विजेता घोषित किया गया। कार्यक्रम का आयोजन कॉलेज प्राचार्य प्रो. अस्सा राम शर्मा और एनएसएस कार्यक्रम अधिकारियों, प्रो. मनमोहन सिंह, प्रो. रितु कुमार शर्मा और प्रो, नेहा बांद्राल की देखरेख में किया गया था।
बहरहाल, जिला प्रशासन भी बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान को राष्ट्रीय बालिका सप्ताह के रूप में एक कई कार्यक्रम आयोजित कर रहा है। इस कड़ी में जगह-जगह रैलियां व जागरूकता कार्यक्रम शामिल हैं। इसमें मुख्य भूमिका आइसीडीएस विभाग की है, जो पंचायत प्रतिनिधियों के सहयोग से जागरूकता फैलाने में जुटा है। बाक्स---
नारी शक्ति जागृति मंच ने बच्चियों को उपहार देकर दिया सम्मान
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जागरण संवाददाता, कठुआ: राष्ट्रीय बालिका दिवस के मौके पर नारी शक्ति जागृति मंच की टीम ने नारी निकतेन आश्रम में रह रही बच्चियों के साथ समय बिताया और उन्हें उपहार देकर सम्मान बढ़ाया। मंच की प्रधान सुषमा महाजन ने बताया कि समाज और घर में बालिका का क्या महत्व है, अब लोग समझने लगे हैं। हर क्षेत्र में बालिका समाज, परिवार और क्षेत्र का नाम रोशन कर रही हैं। हालांकि, समाज में कुछ बच्चियां प्राकृतिक या हालात के कारण परिवार से अलग हैं, ऐसे में हम सब का दायित्व बनता है कि उनके साथ समय बिताएं, ताकि उन्हें परिवार की कमी महसूस न हो। इसके अलावा उनकी जरूरूतों को भी पूरा करने के लिए आगे आएं, तभी सभी को सम्मान और हौसला मिलेगा।